पुआल कराएगा कमाई.. स्ट्रॉ बेलर पर पाएं लाखों की सब्सिडी, ऐसे उठाएं लाभ

अब फसल कटाई के बाद खेत में बचा पुआल और फसल अवशेष किसानों के लिए सिरदर्द नहीं, बल्कि कमाई का जरिया बन रहा है. बिहार सरकार स्ट्रॉ बेलर मशीन खरीदने पर किसानों को भारी सब्सिडी दे रही है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 30 Apr, 2025 | 06:29 PM

खेती के परंपरागत तरीकों में अब तकनीक की जुड़ाई से किसानों को अतिरिक्त कमाई के नए मौके मिल रहे हैं. फसल कटाई के बाद जो अवशेष पहले सिरदर्द बनते थे, अब वही किसानों के लिए कमाई का जरिया बन सकते हैं. बिहार सरकार ने स्ट्रॉ बेलर मशीन की खरीद पर लाखों की सब्सिडी का ऐलान किया है. इस मशीन से अब किसान खेत में बचे अवशेष को नष्ट करने के बजाय उसे गट्ठर बनाकर सुरक्षित रख सकेंगे और चारे के साथ-साथ औद्योगिक इकाइयों में भी इसका उपयोग कर सकेंगे.

कितनी मिलेगी सब्सिडी?

सरकार की इस योजना के तहत सरकार ने किसानों को स्ट्रॉ बेलर मशीन खरीदने पर जोरदार आर्थिक सहायता देने की योजना बनाई है. सामान्य श्रेणी के किसानों को स्क्वायर बेलर या रेक्टेंगुलर बेलर पर अधिकतम 40 फीसदी या 5,28,000 तक का अनुदान देगी. वहीं अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) के किसानों को 50 फीसदी या अधिकतम 6,60,000 रुपये तक की सहायता दी जाएगी. इसके अतिरिक्त स्ट्रा बेलर-रैक रहित मशीन पर सामान्य किसानों को 75 फीसदी या 2,25,000 रुपये और SC/ST किसानों को 80 फीसदी तक या 2,50,000 रुपये तक का अनुदान देगी.

स्ट्रॉ बेलर मशीन क्या करती है?

यह मशीन कम्बाइन हार्वेस्टर से फसल कटाई के बाद खेत में बचे अवशेषों को समेटकर उन्हें बेल (गट्ठर) का रूप देती है. इससे न केवल खेत साफ होता है, बल्कि यह अवशेष मवेशियों के चारे, बायोफ्यूल, और प्लाईवुड इंडस्ट्री में भी उपयोगी साबित होता है.

कैसे करें आवेदन?

इच्छुक किसान http://farmech.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के दौरान किसानों को आधार कार्ड, भू-स्वामित्व प्रमाणपत्र, बैंक पासबुक की कॉपी, और पासपोर्ट साइज फोटो अपलोड करनी होगी. आवेदन की जांच के बाद पात्र किसानों को सब्सिडी स्वीकृत की जाएगी. मशीन की खरीद के लिए किसानों को विभाग द्वारा अधिकृत विक्रेताओं से संपर्क करना होगा. साथ ही कस्टम हायरिंग सेंटर के तहत भी स्ट्रॉ बेलर को शामिल किया गया है, जिससे छोटे और सीमांत किसान किराए पर मशीन लेकर भी इसका लाभ उठा सकते हैं.

पुआल जलाना नहीं, संभालना है

सरकार किसानों को साफ संदेश दे रही है कि पुआल को जलाना नहीं, खेती की उर्वरता बढ़ाने में लगाना है. अवशेषों का वैज्ञानिक प्रबंधन पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आयवर्धन का साधन बन सकता है.

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Published: 30 Apr, 2025 | 05:29 PM

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