कोच्चि के पास अरब सागर में दो दिन पहले लाइबेरिया का कंटेनर जहाज एमएससी एल्सा 3 (IMO नंबर 9123221) डूब गया. इस जहाज में 640 कंटेनर थे, जिनमें से कुछ में खतरनाक रसायन भरे थे. खासतौर पर जहाज में कैल्शियम कार्बाइड और कई तरह के तेल थे. इस हादसे के बाद केरल सरकार ने समुद्र तट के आसपास अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों से समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है.
जहाज में क्या था खास?
- कैल्शियम कार्बाइड के 12 कंटेनर
- खतरनाक रसायनों वाले 13 कंटेनर
- 84.44 मीट्रिक टन डीजल
- 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल
- मरीन गैस ऑयल और कम सल्फर वाला ईंधन तेल भी जहाज में था
जहाज के डूबने के बाद से तेल रिसाव हो रहा है, जिससे समुद्री जीवन और पर्यावरण को बड़ा नुकसान होने का खतरा है. भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने प्रदूषण नियंत्रण जहाज और उन्नत तकनीक वाले विमानों से रिसाव की निगरानी शुरू कर दी है.
कैल्शियम कार्बाइड क्या है और क्यों है खतरनाक?
कैल्शियम कार्बाइड (CaC₂) एक ठोस रसायन है, जो बहुत गर्म तापमान (लगभग 2000 डिग्री सेल्सियस) पर चूने और कोक को मिलाकर बनाया जाता है. इसका मुख्य इस्तेमाल एसिटिलीन गैस बनाने में होता है. जब कैल्शियम कार्बाइड पानी से मिलता है, तो यह तुरंत रासायनिक प्रतिक्रिया करता है और एसिटिलीन गैस छोड़ता है, साथ ही गर्मी भी पैदा करता है.
खतरे जो कैल्शियम कार्बाइड से होते हैं
पानी में बुलबुले और ऑक्सीजन की कमी: एसिटिलीन गैस के कारण पानी में बुलबुले बनते हैं और पानी की ऑक्सीजन कम हो जाती है. इससे मछलियों और अन्य जल जीवों की मौत हो सकती है.
जलीय जीवन पर असर: यह गैस मछलियों की प्रजनन क्षमता को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे पूरी आबादी प्रभावित हो सकती है.
पानी का प्रदूषण: पानी दूषित हो जाता है और जो भी इसका सेवन या संपर्क करता है, उसे पेट दर्द, उल्टी, दस्त, त्वचा पर जलन या एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
सरकार और बचाव के उपाय
केरल सरकार ने पूरे तटीय इलाके में हाई अलर्ट जारी कर दिया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके. लोगों को समुद्र के पास जाने से सख्ती से मना किया गया है ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. इसके साथ ही, भारतीय तटरक्षक बल ने प्रदूषण को नियंत्रण में रखने के लिए विशेष जहाज और उन्नत तकनीक वाले विमानों को तैनात किया है. रिसाव को रोकने और समुद्री जीवन को बचाने के लिए सरकार लगातार निगरानी और कार्रवाई कर रही हैं ताकि नुकसान को न्यूनतम किया जा सके.