भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में दूध अब सिर्फ पोषण का साधन नहीं रहा, बल्कि यह लाखों किसानों की रोजी-रोटी और आत्मनिर्भरता की मजबूत नींव बन गया है. बीते कुछ वर्षों में भारत में डेयरी क्षेत्र ने तेजी से विकास किया है और इसने ना सिर्फ ग्रामीण इलाकों को रोजगार दिया, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाई दी है. यही वजह है कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है. गांवों में महिलाएं, छोटे किसान और युवा वर्ग तेजी से डेयरी व्यवसाय से जुड़ रहे हैं और इसे एक मजबूत कारोबार का रूप दे रहे हैं.
भारत में दूध उत्पादन घरेलू जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ वैश्विक मांग में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है. लेकिन इस सफलता की कहानी के पीछे कुछ राज्य ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत, नीति और तकनीकी से इस क्षेत्र को नई दिशा दी. उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्य दूध उत्पादन में सबसे आगे हैं और देश को नंबर 1 बनाने में इनका बड़ा योगदान है. तो चलिए जानते हैं कि इन राज्यों ने कैसे अपने प्रयासों से भारत को दूध उत्पादन में दुनिया का सिरमौर बनाया और खुद भी समृद्धि की नई इबारत लिखी.
1. उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य है. देश के कुल दूध उत्पादन में इसका योगदान 16.21 फीसदी है. यहां की विशाल ग्रामीण आबादी, उपजाऊ जमीन और पशुपालन की परंपरा ने इसे दूध उत्पादन के लिए अच्छा राज्य बना दिया है. सरकार द्वारा चलाई जा रही डेयरी प्रशिक्षण योजनाएं, पशु मेले और सहकारी समितियां इस सेक्टर को मजबूती देती हैं. यूपी में दूध केवल कारोबार नहीं, बल्कि ग्रामीण संस्कृति का हिस्सा है.
2. राजस्थान
राजस्थान दूध उत्पादन में 15 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है. यहां की राठी और थारपारकर जैसी देशी गायें दूध उत्पादन के लिए जानी जाती हैं. राजस्थान में खास बात यह है कि पशुपालन में बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं भाग लेती हैं. इसके अलावा, सहकारी समितियों और सरकारी मदद ने राज्य को आत्मनिर्भर डेयरी मॉडल की ओर ले गया है. यही कारण है कि राजस्थान दूध उत्पादन में लगातार मजबूती से आगे बढ़ रहा है.
3. मध्य प्रदेश
9 फीसदी दूध उत्पादन के साथ मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है. यहां मुर्रा भैंस और देशी गायों की अच्छी नस्लें पाई जाती हैं. राज्य की उपजाऊ जमीन, जल संसाधन और डेयरी क्षेत्र में युवाओं की बढ़ती दिलचस्पी ने मध्य प्रदेश को दूध उत्पादन में आगे लाया है. यहां दूध उत्पादन सिर्फ परंपरा नहीं, अब युवा वर्ग के लिए एक बिजनेस ऑप्शन बन चुका है. सरकार योजना के माध्यम से लोगों को प्रोत्साहन भी दे रही है.
4. गुजरात
गुजरात देश के कुल दूध उत्पादन में 8 फीसदी योगदान देता है. अमूल जैसी ब्रांड का जन्म यहीं से हुआ, जिसने भारत में श्वेत क्रांति लाई. इतना ही नहीं गुजरात की सहकारी समितियां बेहद संगठित हैं और गांव-गांव में इनकी पहुंच है. सरकार की योजनाओं और प्रोत्साहन से डेयरी फार्मिंग यहां लगातार तेजी से बढ़ रही है.
5. महाराष्ट्र
महाराष्ट्र देश के दूध उत्पादन में 7 फीसदी हिस्सेदारी के साथ पांचवें स्थान पर है. यहां की सहकारी डेयरियां किसानों को तकनीक, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता देती हैं. तमाम चुनौतियों के बावजूद राज्य ने डेयरी में स्थिरता और भरोसा कायम रखा है.