दीवार पर जंगल! भोपाल की बेटी ने बना डाला 4000 पौधों वाला मिनी फॉरेस्ट, 150 दुर्लभ विदेशी प्रजातियां उगाईं

भोपाल की 26 वर्षीय साक्षी भारद्वाज ने अपने घर की दीवारों पर 800 स्क्वायर फीट में 4000 पौधों वाला मिनी फॉरेस्ट तैयार किया है, जिसे उन्होंने ‘जंगलवास’ नाम दिया है. इतना ही नहीं उनके काम की सराहना केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कर चुके हैं.

लखनऊ | Updated On: 18 Jul, 2025 | 10:30 PM

भोपाल की साक्षी भारद्वाज ने सिर्फ हरियाली का सपना नहीं देखा, बल्कि उसे अपने घर की दीवारों पर साकार कर दिखाया. उन्होंने छोटी जगह में 4000 पौधों का ‘मिनी फॉरेस्ट’ तैयार किया है, जिसे वो ‘जंगलवास’ कहती हैं. यह कोई आम बगीचा नहीं, बल्कि 150 विदेशी और दुर्लभ प्रजातियों से सजी एक अनोखी दुनिया है. खास बात यह है कि साक्षी ने इन पौधों को वर्टिकल गार्डनिंग तकनीक से उगाया है, जिसमें नारियल के खोल और प्लास्टिक का उपयोग कर पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी दिखाई है.

उन्होंने साबित कर दिया कि अगर जज्बा हो तो सीमित जगह में भी हजारों पेड़ लगाए जा सकते हैं. उनके इस काम की सराहना केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कर चुके हैं और आज हजारों लोग उनके इंस्टाग्राम पेज ‘जंगलवास’ से जुड़कर अर्बन गार्डनिंग की प्रेरणा ले रहे हैं.

दीवार पर खड़ा किया हरा-भरा जंगल

भोपाल की 26 वर्षीय साक्षी भारद्वाज ने अपने घर की दीवारों पर 800 स्क्वायर फीट में एक मिनी फॉरेस्ट खड़ा कर सबको चौंका दिया है. उन्होंने इस बगीचे को ‘जंगलवास’ नाम दिया है, जिसमें 450 से ज्यादा पौधों की प्रजातियां और कुल मिलाकर 4000 से अधिक पौधे हैं. इसकी खास बात यह है कि इनमें 150 से ज्यादा पौधे ऐसे हैं, जिन्हें उगाना भारतीय जलवायु में मुश्किल माना जाता है. लेकिन साक्षी ने इनके लिए एक खास कृत्रिम वातावरण तैयार किया है, जिसमें ये पौधे न सिर्फ जिंदा हैं, बल्कि फल-फूल भी रहे हैं.

पेड़ों की कटाई देख बना लिया हरा इरादा

साक्षी पेशे से असिस्टेंट प्रोफेसर हैं और मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी में पढ़ाती हैं. उन्होंने 2018 में जब देखा कि शहरीकरण और स्मार्ट सिटी के नाम पर लगातार पेड़ काटे जा रहे हैं तो तय किया कि वह खुद कुछ बदलाव लाएंगी. ऐसे में उन्होंने अर्बन गार्डनिंग की राह अपनाई और अपने घर की दीवारों पर ही हरियाली बढ़ाने का सपना साकार किया. उनका मानना है कि अगर हर घर थोड़ा-थोड़ा भी हरियाली अपनाए तो शहरों का वातावरण काफी हद तक सुधर सकता है.

नारियल के खोल बने गमले, तकनीक से हरियाली

साक्षी ने अपने मिनी फॉरेस्ट को खड़ा करने के लिए वर्टिकल गार्डनिंग तकनीक अपनाई. उन्होंने नारियल के खोल और प्लास्टिक की बोतलों को प्लांटर के रूप में इस्तेमाल किया. क्योंकि नारियल के खोल में पानी देर तक रुकता है, जिससे पौधों को बार-बार पानी नहीं देना पड़ता. इन गमलों में उन्होंने स्नेक प्लांट, कैक्टस, लिली और ट्रॉपिकल पौधे लगाए. इससे न केवल पानी की बचत होती है, बल्कि प्लास्टिक का दोबारा उपयोग करके वह पर्यावरण को नुकसान से भी बचा रही हैं.

दुर्लभ पौधों के लिए खास माहौल

जिन पौधों को भारत में उगाना मुश्किल समझा जाता है, उनके लिए साक्षी ने खास कृत्रिम माहौल तैयार किया है. वह हर पौधे की जरूरत को समझने के लिए रिसर्च करती हैं, जर्नल्स पढ़ती हैं और इंटरनेट से जानकारी लेती हैं. मिट्टी, पानी और हवा का सही संतुलन बनाकर वे इन पौधों की देखभाल करती हैं. इतना ही नहीं खाद के लिए वे पूरी तरह जैविक विकल्प अपनाती हैं. जैसे वर्मी कम्पोस्ट और किचन वेस्ट से बनी खाद. साथ ही, पौधों के बेहतर विकास के लिए बायो-एंजाइम्स का भी उपयोग करती हैं.

Sakshi Bhardwaj Bhopal story

साक्षी के ‘जंगलवास’ को मिली शिवराज सिंह चौहान की तारीफ

सोशल मीडिया से जुड़ रही नई पीढ़ी

साक्षी अपने ‘जंगलवास’ प्रोजेक्ट को सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों तक पहुंचा रही हैं. उनके इंस्टाग्राम पेज पर हजारों लोग उन्हें फॉलो करते हैं और अर्बन गार्डनिंग के टिप्स सीखते हैं. वह समय-समय पर वर्कशॉप भी आयोजित करती हैं, जिसमें लोग सीखते हैं कि कैसे कम जगह में भी हरियाली लाई जा सकती है. उनके इस काम की सराहना खुद कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी की है. साक्षी का यह प्रयास बताता है कि छोटे-छोटे बदलाव भी पर्यावरण में बड़ा फर्क ला सकते हैं.

 

Published: 18 Jul, 2025 | 04:24 PM