लहसुन के खेत में फास्फोरस के साथ डालें ये चीज, चमकदार और बड़े आकार के होंगे कंद

कंद वाली फसलों में सुपर फास्फेट बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसमें मौजूद फास्फोरस  कंदों की वृद्धि को मजबूत बनाता है. इसलिए किसान प्रति बीघा 15 से 20 किलो सुपर फास्फेट डाल सकते हैं.

Kisan India
नोएडा | Published: 12 Dec, 2025 | 01:08 PM

Garlic Farming: बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड सहित कई राज्यों में धान कटाई के साथ ही किसानों ने रबी फसल की बुवाई शुरू कर दी है. वहीं, कुछ किसान बड़े स्तर पर लहसुन की खेती भी कर रहे हैं. लेकिन इन किसानों का कहना है कि लहसुन की खेती में उन्हें उतना अधिक मुनाफा नहीं मिलता है. पर अब ऐसे किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज हम कुछ ऐसे देसी टिप्स और सस्ती तकनीक के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं, जिसे अपनाते ही लहसुन की पैदावार बढ़ जाएगी. ऐसे में किसानों को अन्य फसलों के मुकाबले बेहतर कमाई होगी.

दरअसल, लहसुन एक कंद वाली फसल है. इसकी पौधों का विकास मिट्टी की गुणवत्ता  और पोषक तत्वों पर निर्भर करता है. इसलिए खेत तैयार करते समय मेड़ या डोल बनाकर रोपाई करनी चाहिए. साथ ही सिंचाई में पानी की मात्रा नियंत्रित रखें, क्योंकि ज्यादा पानी से फसल सड़ सकती है. इसके अलावा कुछ जरूरी पोषक तत्वों का उपयोग मिट्टी में पहले से करना चाहिए, जिससे कंद मोटे बनते हैं, फसल सड़ने से बचती है और उसकी चमक भी बढ़ती है. अगर किसान इन पोषक तत्वों का सही प्रबंधन करते हैं, तो लहसुन की पैदावार कई गुना बढ़ सकती है.

रोग-मुक्त कलियों का करें चयन

कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक लहसुन कंद वाली फसल है, इसलिए बुवाई से पहले स्वस्थ और रोग-मुक्त कलियों का चयन  सबसे जरूरी कदम है. लहसुन की रोपाई हमेशा मेड़ों या ऊंची क्यारियों पर करनी चाहिए, ताकि पानी की निकासी अच्छी रहे और पौधों को पोषक तत्व सही तरीके से मिल सकें.

सुपर फास्फेट भी है लाभदायक

विशेषज्ञों का कहना है कि कंद वाली फसलों में सुपर फास्फेट बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसमें मौजूद फास्फोरस  कंदों की वृद्धि को मजबूत बनाता है. इसलिए किसान प्रति बीघा 15 से 20 किलो सुपर फास्फेट डाल सकते हैं. इसके साथ ही जिप्सम और सल्फर (जैसे बेंटोनाइट सल्फर या WDG सल्फर) का उपयोग भी जरूरी है, क्योंकि सल्फर कंदों को बनने और मोटा होने में मदद करता है. पोटाश भी फसल को मजबूत और बेहतर गुणवत्ता वाला बनाने के लिए आवश्यक है.

माइक्रो न्यूट्रिएंट भी है बहुत जरूरी

जानकारों का कहना है कि लहसुन की अच्छी पैदावार के लिए जिंक, बोरॉन और कैल्शियम जैसे माइक्रो न्यूट्रिएंट बहुत जरूरी होते हैं. इन्हें रोपाई से पहले मिट्टी में मिला देने से पौधों को शुरुआत से ही सही पोषण मिलता रहता है. फसल बढ़ने के दौरान किसान घुलनशील उर्वरक NPK 20-20-20 का स्टीकर के साथ छिड़काव करें. अगर इसमें चेलेटेड जिंक भी मिला दिया जाए, तो फसल और ज्यादा चमकदार और स्वस्थ बनती है.

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