देश में मुर्गी पालन और मछली पालन करने वाले किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (National Cooperative Development Corporation) को केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से 2 हजार करोड़ रुपये का डिस्बर्समेंट लोन दिया जाएगा. इस लोन की मदद से एनसीडीसी (NCDC) करीब 13 हजार सहकारी समितियों के 3 करोड़ सदस्यों को सीधे तौर पर फायदा पहुंचा सकेगी. बता दें कि ये लोन 4 साल की समय सीमा के लिए दिया जाएगा.
केंद्रीय कैबिनेट से मंजूर हुए 5 करोड़ रुपये
सरकार हमेशा ही किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए कई तरह की योजनाएं लागू करती हैं जिनकी मदद से किसानों को वित्तीय तौर पर मजबूत बनाया जा सके. इसी कड़ी में केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को 2 हजार करोड़ रुपये का डिस्बर्समेंट लोन देने की घोषणा की है. इस दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एनसीडीसी के माध्यम से किसानों के जीवन में काफी बदलाव आए हैं. उन्होंने बताया कि किसानों को एनसीडीसी के माध्यम से जो लोन दिया जाता है वो वित्तीय सहायता देने का एक बढ़िया मॉडल बना है और इस मॉडल को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने आने वाले 4 सालों में प्रति वर्ष 500 करोड़ रुपये लोन के तौर पर 2 हजार करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी दी है.
मछली पालकों को मिलेगा सीधा फायदा
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एनसीडीसी के लिए मंजूर किए गए इस लोन से बहुत से सेक्टरों को सीधे फायदा पहुंचेगा. बात करें मछली पालन की तो अभी तक छोटे स्तर के मछली पालकों को मछली पालन से जुड़े लाभ नहीं मिल पाते थे. लेकिन अब इस लोन के माध्यम से मछली पालकों को उनको फायदा देने के लिए एनसीडीसी के माध्यम से कोचिन शिपयॉर्ड में अपनी टेक्नोलॉजी से बड़े ट्रॉलर्स का निर्माण कार्य शुरू किया गया है ताकि किसानों को सीधे तौर पर मछली उत्पादन का फायदा मिल सके. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णण ने बताया कि अभी तक बड़ी कंपनियां के पास ही बड़े ट्रॉलर्स होते थे लेकिन अब इसका फायदा छोटे मछली पालक भी उठा सकेंगे.
13 हजार सहकारी समितियों को होगा फायदा
केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए लोन के जरिए देशभर में सहकारिता विभाग के अंतर्गत आने वाली 13 हजार 228 सहकारी समितियों के लगभग 2.9 करोड़ सदस्यों को फायदा पहुंचेगा. केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि इस लोन की मदद से सहकारिता के अंतर्गत आने वाले कई अलग-अलग सेक्टरों का विस्तार होगा. इन क्षेत्रो में डेयरी, पशुपालन, मछली पालन, चीनी, कपड़ा, फूड प्रोसेसिंग, स्टोरेज, और शीत भंडारण, श्रम और महिला नेतृत्व वाली सहकारी समितियों को फायदा मिलने की संभावना है. सरकार की इस पहल से न केवल सहकरिता के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों का विस्तार होगा बल्कि इनसे जुड़े करोड़ों किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी.