सहकार से समृद्धि का सपना साकार करने कि दिशा में देश का सहकारिता मंत्रालय लगातार सक्रिय है. देश में सहकारिता क्षेत्र के विस्तार के लिए राषट्रीय सहकारिता नीती 2025 को लाया गया है. जिसका शुभारंभ केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किया था. इस दौरान अमित शाह ने बताया कि नई सहकारिता नीति को 6 मुख्य स्तंभों पर आधारित किया गया है जिसका उद्देश्य देश के हर एत व्यक्ति तक सहकारिता को पहुंचाना और सशक्त बनाना है. बता दें कि, नई सहकारिता नीती के तहत अब ओला और ऊबर की तरह ही सड़कों पर सहकार टैक्सियां चलेंगी. गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि अगर सब कुछ योजना अनुसार चला तो साल 2025 के अंत तक ये टैक्सियां पूरी तरह से संचालन में आ जाएंगी.
क्यों शुरु हो रहीं सहकार टैक्सी
सहकार टैक्सी जिसे भारत टैक्सी के नाम से जाना जाएगा, सहकारिता विभाग की योजना है. केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहाकरिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि सहकार टैक्सी की शुरुआत करने की योजना के पीछे आम लोगों के लिए टैक्सी सर्विस को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाना है, इसके साथ ही ये भी सुनिश्चित करना है कि लोगों को सस्ती, पारदर्शी और ईमानदार सेवा मिले. ताकि वे इन टैक्सियों के माध्यम से आसान और सुकून भरा सफर कर सकें वो भी कम और किफायती दामों पर.
चालक बनेंगे आत्मनिर्भर
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (National Cooperative Development Corporation) के तहत शुरू की जा रही सहकार टैक्सी के माध्यम से टैक्सी चालकों को किसी भी कंपनी को ऊंचा कमीशन नहीं देना होगा. इस योजना की खासियत है कि इसमें चालक अपनी टैक्सी का मालिक खुद होगा , उसे किसी भी अन्य कंपनी पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा. टैक्सी चालक पूरी तरह से आत्मनिर्भर होंगे. इस पहल से सभी टैक्सी चालक सहकारिता के माध्यम से समृद्ध और विकसित भारत की ओर बढ़ने में भागीदार बनेंगे. इसके अलावा चालक आर्थिक तौर पर भी मजबूत बनेंगे.
सहकारिता देश का भविष्य
राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025 को लॉंच करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि आज सहकरिता ही देश का फ्यूचर है. उन्होंने बताया कि नई नीति के तहत देश में 50 करोड़ लोगों को सहकारिता से जोड़ने का लक्ष्य है. शाह ने आगे बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि साल 2034 तक सहकारिता से देश की जीडीपी (GDP) को बढ़ाने में तीन गुना योगदान दिया जाए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्र नरेंद्र मोदी की के 2047 तक विकसित भारत के सपने को पूरा करने में देश का सहकारिता क्षेत्र अहम भूमिका निभाएगा.