Pig Farming: सूकर पालन के लिए कौन सी नस्लें होती हैं बेस्ट, जान लें फार्मिंग का सही तरीका

भारत में सूअर पालन तेजी से बढ़ रहा है और सही नस्ल चुनने पर किसान कम मेहनत में अच्छा पैसा कमा सकते हैं. कुछ नस्लें तेज बढ़ती हैं, कम बीमारी पकड़ती हैं और उनका मांस भी महंगा बिकता है. इस खबर में आपको भारत की सबसे फायदेमंद सूअर नस्लों की आसान भाषा में जानकारी मिलेगी.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 16 Dec, 2025 | 06:45 AM

Pig Breeds : सूअर पालन आज गांवों से लेकर शहरों के किनारों तक तेजी से बढ़ता बिजनेस बन चुका है. वजह भी साफ है कि कम खर्च, तेज बढ़वार और ज्यादा मुनाफा. लेकिन इस बिजनेस में सबसे बड़ा रोल निभाती है नस्ल. अगर नस्ल अच्छी होगी तो एक ही सूअर किसान को कई गुना फायदा दिला सकता है. इसलिए सूअर पालन शुरू करने से पहले उसकी सही नस्ल के बारे में जानना बहुत जरूरी है. आज हम आपको भारत में पाई जाने वाली प्रमुख सूअर नस्लों, उनकी पहचान, उनकी खासियत और उनसे होने वाले फायदों के बारे में बेहद आसान भाषा में जानकारी दे रहे हैं.

बड़ा सफेद यॉर्कशायर

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बड़ा सफेद यॉर्कशायर भारत में सबसे ज्यादा पाली जाने वाली नस्ल है. इसका शरीर सफेद होता है और कान हल्के नुकीले होते हैं. यह दिखने में थोड़ा लंबा और पैरों से मजबूत होता है. इस नस्ल की खासियत है कि यह बेहद जल्दी बढ़ती है और कम फैट वाला मांस देती है, जिसकी बाजार में अधिक मांग रहती है. एक परिपक्व सूअर 300 से 400 किलो तक का वजन आसानी से पकड़ लेता है. किसान इसे ज्यादातर क्रॉस ब्रीडिंग  के लिए भी इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि यह कई तरह की जलवायु में आसानी से ढल जाता है. सूअर पालन शुरू करने वालों के लिए यह नस्ल एक बेहतरीन विकल्प मानी जाती है.

मध्य सफेद यॉर्कशायर

यह नस्ल भारत में कुछ खास क्षेत्रों में ही पाई जाती है, लेकिन जहां भी पाली जाती है, वहां इसे खूब पसंद किया जाता है. मध्य सफेद यॉर्कशायर  का शरीर भी पूरी तरह सफेद होता है और यह जल्दी परिपक्व हो जाती है. इसका वजन 250 से 340 किलो तक पहुंच सकता है. सबसे बड़ी बात-इस नस्ल का स्वभाव बहुत शांत होता है. यह अच्छी माता मानी जाती है और इसके बच्चे तेजी से बढ़ते हैं. हालांकि उत्पादन के मामले में यह बड़ी यॉर्कशायर के मुकाबले थोड़ा कम है, लेकिन छोटे किसानों के लिए यह काफी फायदेमंद नस्ल है.

हैम्पशायर

हैम्पशायर नस्ल की पहचान बहुत आसान है कि पूरा शरीर काला और कंधों पर सफेद चौड़ी पट्टी. यह मुख्य रूप से उत्तर-पूर्व भारत में पाई जाती है, खासकर मेघालय के ICAR रिसर्च कॉम्प्लेक्स में. यह नस्ल मांस उत्पादन  में काफी मजबूत मानी जाती है. इसकी ग्रोथ तेज होती है, स्वभाव शांत और शरीर भी काफी मजबूत होता है. नर सूअर का वजन 300 किलो तक होता है, जबकि मादा का 250 किलो तक. इसकी औसत उम्र लगभग 12 साल होती है, इसलिए किसान इसे लंबे समय तक रखकर अच्छा लाभ कमा सकते हैं.

बर्कशायर

बर्कशायर नस्ल की शुरुआत इंग्लैंड से हुई थी. भारत में यह नस्ल अपने भारी शरीर, लंबे पैरों और तेज ग्रोथ के लिए जानी जाती है. इसका शरीर काला होता है, सफेद पैर और चेहरे पर हल्की सफेद धारियां होती हैं. बर्कशायर के नर का वजन 500 किलो तक पहुंच जाता है, जो इसे भारी नस्लों में से एक बनाता है. इस नस्ल का मांस बेहद स्वादिष्ट और कम वसा वाला माना जाता है, इसलिए इसकी बाजार में ज्यादा मांग रहती है. किसान अगर बड़ी नस्ल चाहते हैं तो यह सूअर पालन  के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है.

भारत में मिलने वाली अन्य नस्लें

भारत में कुछ और सूअर नस्लें भी पाई जाती हैं, जिनमें शामिल हैं-

  • अंडमान और निकोबारी
  • अंकमाली
  • डूम
  • गोरी
  • घुंघरू

ये नस्लें अपने क्षेत्रों में किसानों को अच्छा लाभ देती हैं और कम देख-रेख में भी ठीक तरह बढ़ जाती हैं.

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Published: 16 Dec, 2025 | 06:45 AM
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