देशभर में गाय-भैंस, भेड़ और मुर्गी पालन के साथ-साथ सूकर पालन का व्यवसाय भी तेजी से बढ़ रहा है. छोटे और सीमांत किसानों के लिए सूकर पालन एक लाभदायक व्यवसाय साबित हो रहा है. दुनियाभर में सूकर के मांस की मांग लगातार बढ़ रही है, इसलिए यह व्यवसाय मुनाफा कमाने का एक अच्छा जरिया बन गया है. यदि आप भी कम समय और कम लागत में अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो सूकर पालन आपके लिए सही विकल्प हो सकता है.
सूकर पालन क्यों है लाभकारी?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सूकर पालन छोटा व्यवसाय होने के बावजूद जल्दी मुनाफा देने वाला है. सूकर का मांस प्रोटीन से भरपूर होता है और बाजार में इसकी मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. इसके साथ ही सूकर पालन के लिए ज्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ता, क्योंकि सूकर बासी खाना, कूड़ा-कचरा, सब्जियां, और अनाज बड़े चाव से खा लेते हैं. इसलिए सूकर पालन छोटे किसानों के लिए एक बेहतरीन आय का जरिया बनता जा रहा है.
सूकर पालन के लिए आवास और जलवायु
सूकर पालन में सबसे जरूरी होता है अच्छे आवास का प्रबंध. सूकर के लिए बड़ा और साफ-सुथरा बाड़ा होना चाहिए, जिसमें हवा, पानी और रोशनी की उचित व्यवस्था हो. नर, मादा और शावकों के लिए अलग-अलग बाड़े बनाए जाते हैं ताकि उनकी देखभाल बेहतर हो सके. सूकर पानी पसंद करने वाले पशु होते हैं, इसलिए तालाबनुमा बाड़ा बनाना फायदेमंद होता है. सूकर पालन के लिए नम और ठंडी जलवायु यानी 15 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे उपयुक्त रहता है.
सूकर का चारा और पोषण
सूकर का चारा तैयार करना भी आसान है. वे कूड़ा-कचरा, सब्जी के छिलके, बासी खाना और अनाज बड़ी आसानी से खा लेते हैं. हालांकि, गर्भवती सूकरों और छोटे शावकों के लिए प्रोटीन से भरपूर भोजन जरूरी होता है. इसके लिए किसान मकई, मूंगफली की खली, गेहूं के चोकर, मछली का चूरा, विटामिन और खनिज लवण दे सकते हैं. सही पोषण से सूकर तेजी से बढ़ते हैं और स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है.
सूकर की प्रमुख नस्लें
सूकर की कई नस्लें पाई जाती हैं, जिनमें सफेद यॉर्कशायर, लैंडरेस, हैम्पशायर, ड्युरोक और घुंघरू प्रमुख हैं. यॉर्कशायर नस्ल प्रजनन में सबसे अच्छी मानी जाती है और यह एक बार में 6-7 शावकों को जन्म देती है. घुंघरू नस्ल तेजी से बढ़ती है, इसका रंग काला और चमड़ी मोटी होती है. हैम्पशायर नस्ल मांस उत्पादन के लिए उपयुक्त है, जबकि लैंडरेस नस्ल प्रजनन के मामले में बेहतर मानी जाती है. नर सूकरों का वजन 300-400 किलो और मादा सूकरों का वजन 230-320 किलो तक होता है, जिससे व्यवसाय में अच्छा लाभ मिलता है.
सूकर पालन के लिए सरकारी योजना और लोन
सूकर पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी दी जाती है और बैंक से ऋण लेने की सुविधा भी उपलब्ध है. पशुधन अधिकारी या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करके किसान योजनाओं की पूरी जानकारी ले सकते हैं और इसका लाभ उठा सकते हैं. इससे छोटे और सीमांत किसान भी आसानी से सूकर पालन शुरू कर सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं.
सूकर पालन से जुड़े कुछ टिप्स
- सूकर पालन शुरू करने से पहले अच्छी नस्ल चुनें ताकि मुनाफा ज्यादा हो.
- साफ-सफाई और आवास की व्यवस्था का विशेष ध्यान रखें.
- पौष्टिक और संतुलित चारा दें ताकि सूकर स्वस्थ और तेजी से बढ़ें.
- समय-समय पर पशु चिकित्सक से जांच कराते रहें.
- बाजार की मांग और कीमतों पर नजर रखें.
- इन सभी बातों का ध्यान रखने से सूकर पालन से अच्छी आमदनी हो सकती है.