दिल्ली का भूजल रीचार्ज करने की तैयारी, सालाना 400 करोड़ लीटर पानी धरती को लैटाने की योजना

गिरते भूजल स्तर ने जलसंकट खड़ा कर दिया है. खासकर दिल्ली के कई इलाकों में पेयजल की किल्लत देखी जा रही है. दिल्ली में धरती को पानी वापस लौटाने यानी भूजल रीचार्ज करने की तैयारी की गई है.

नोएडा | Updated On: 6 Jun, 2025 | 02:01 PM

दिल्ली, जहां गर्मियों में हर साल पानी के लिए त्राहि-त्राहि मचती है, वहीं अब एक बड़ी निजी कंपनी ने इस संकट से निपटने की ठानी है. ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेजन ने ऐलान किया है कि वह यमुना नदी के जलग्रहण क्षेत्र में अपनी पहली जल रीचार्ज प्रोजेक्ट शुरू कर रही है. लक्ष्य है हर साल 400 करोड़ लीटर पानी की वापसी. मतलब, जितना पानी दिल्ली के लोग जमीन से निकालते हैं, उससे ज्यादा पानी अब अमेज़न वापस जमीन में पहुंचाएगा. इस ऐतिहासिक कदम से दिल्ली के भूजल संकट पर राहत की उम्मीद जगी है.

यमुना बेसिन में अमेजन की एंट्री

अमेजन ने नई दिल्ली के ऊपर यमुना नदी जलग्रहण क्षेत्र में अपनी पहली जल पुनर्भरण परियोजना शुरू की है. इसका उद्देश्य जल संकट और भूजल के अत्यधिक दोहन से निपटना है. इस परियोजना के अंतर्गत जल संरचनाएं जैसे परकोलेशन पिट, रिचार्ज शाफ्ट और चेक डैम बनाए जाएंगे. यह पहल भारत भर में जल संरक्षण परियोजनाओं के अमेजन के बढ़ते पोर्टफोलियो में जुड़ती है, जिसमें पहले से ही प्रमुख झील बहाली के प्रयास और सामुदायिक जल समाधान शामिल हैं, जो 2020 से 1 मिलियन से अधिक लोगों को लाभान्वित कर रहे हैं. अमेजन का दावा है कि इस परियोजना से हर साल 400 करोड़ लीटर से ज्यादा पानी की वापसी संभव होगी.

स्थानीय समुदायों को मिलेगा सीधा फायदा

यह पहली बार है जब अमेजन की किसी परियोजना से सीधे स्थानीय समुदायों को बुनियादी ढांचे के पुनर्वास और जल-बचत संरचनाओं का लाभ मिलेगा. हेस्टन रीजनरेशन जैसे सामाजिक उद्यमों और स्थानीय संगठनों के साथ मिलकर अमेजन इस परियोजना को क्रियान्वित करेगा. समुदायों को केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि इस पहल के सक्रिय साझेदार के रूप में शामिल किया जाएगा.

राजनीतिक और सामाजिक समर्थन से मजबूत शुरुआत

‘दिल्ली जल वार्ता 2025’ में इस परियोजना की औपचारिक घोषणा की गई, जहां राज्यसभा सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि यह पहल साझा जल जिम्मेदारी का बेहतरीन उदाहरण है. रामवीर तंवर (द पॉन्डमैन ऑफ इंडिया), शीबा सेन, मनोज सिंह जैसे विशेषज्ञों की मौजूदगी ने इसे एक राष्ट्रीय विमर्श का रूप दे दिया.

तकनीक और परंपरा का अनोखा मेल

अमेज़न की यह परियोजना सिर्फ जल पुनर्भरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मिट्टी की नमी बढ़ाने, वनस्पति लगाने और कटाव रोकने जैसे उपायों को भी शामिल करती है. पारंपरिक जल ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़कर यह मॉडल तैयार किया गया है, जिससे जलवायु-लचीले समाधान संभव हो सकें.

2027 तक पानी की भरपाई का राष्ट्रीय लक्ष्य

2024 में ही अमेज़न ने घोषणा की थी कि वह 2027 तक अपने प्रत्यक्ष संचालन में उपयोग किए जाने वाले पानी से ज्यादा पानी भारत में समुदायों को लौटाएगा. बेंगलुरु में झील बहाली की सेट्रीज (SayTrees) जैसी परियोजनाएं पहले ही 1 मिलियन से ज्यादा लोगों को लाभ पहुंचा चुकी हैं. अब दिल्ली की यह पहल उसी मिशन को आगे बढ़ाने वाली बड़ी कड़ी है. इन प्रयासों के पूरा होने के बाद, उम्मीद है कि हर साल यामारे झील में 270 मिलियन लीटर से ज्यादा पानी और साई रेड्डी झील में करीब 300 मिलियन लीटर पानी की भरपाई होगी, जिससे इसका आकार तीन गुना हो जाएगा.

Published: 6 Jun, 2025 | 01:00 PM