ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में दिल को झकझोर देने वाली एक खबर सामने आई है. औल ब्लॉक के एकामानिया गांव के पास ब्राह्मणी नदी में अचानक मची अफरातफरी में लगभग 73 भैंसों की डूबने से मौत हो गई. सोमवार को जब इस घटना की जानकारी अधिकारियों को मिली, तो पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने जांच शुरू की. कुछ लोगों ने नदी के पानी में मछली पकड़ने के लिए जहर मिलाने का आरोप भी लगाया है. ऐसे में इस एंगल से भी मौत की वजह की जांच की जा रही है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गांव के रघुनाथ दास ने कहा कि नदी में तीन मगरमच्छों को देखने के बाद भगदड़ मच गई. करीब 88 भैंसें एक घंटे तक किनारे पहुंचने की कोशिश करती रहीं, लेकिन अफसोस कि 73 भैंसों की जान नहीं बचाई जा सकी. केंद्रापड़ा के मुख्य जिला पशु चिकित्सा अधिकारी (CDVO) मनोज कुमार पटनायक ने कहा कि शुरुआती जांच के अनुसार, चश्मदीदों के मुताबिक भगदड़ की वजह से 73 भैंसें नदी में डूब गईं.
44 भैंसों के शव बरामद
सोमवार को पशु चिकित्सा अधिकारियों और कटक के फूलनखरा स्थित एनिमल डिजीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (ADRI) की एक वैज्ञानिक टीम एकामानिया गांव पहुंची और जांच शुरू की. पटनायक ने कहा कि भैंसों की एक साथ हुई मौत की असली वजह अभी साफ नहीं है, जांच जारी है. अब तक 44 भैंसों के शव बरामद किए गए हैं. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, सही संख्या और बाकी जानकारियां साफ होंगी.
नदी में जहर मिलाने का आरोप
CDVO मनोज कुमार पटनायक ने आगे कहा कि गांव वालों ने आरोप लगाया है कि कुछ मछुआरों ने नदी में मछलियों को मारने के लिए जहर मिला दिया था. भैंसों की मौत कथित तौर पर उसी जहरीले पानी को पीने से हुई है. जांच के लिए ADRI (एनिमल डिजीज रिसर्च इंस्टीट्यूट) के वैज्ञानिकों ने नदी से पानी के सैंपल लिए हैं. उन्होंने कहा कि कुछ मरी हुई भैंसों का पोस्टमार्टम किया गया है. हम अभी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.
किसानों ने की मुआवजे की मांग
इधर, गांव के भैंस मालिकों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है. एकामानिया के गणेश दास ने कहा कि उनकी 40 भैंसें इस हादसे में मर गईं. उन्होंने कहा कि मैं हर महीने इन भैंसों से दूध बेचकर करीब 30,000 रुपये कमाता था. अब मेरी सारी भैंसें मर चुकी हैं और मेरा भविष्य अधर में लटक गया है. मुझे सरकार से उचित मुआवजा चाहिए. सूत्रों के मुताबिक, इस हादसे में जगन्नाथ दास की 17 और पगला बिस्वाल की 16 भैंसें भी नदी में डूब गईं. मुख्य जिला पशु चिकित्सा अधिकारी (CDVO) ने भरोसा दिलाया है कि प्रभावित भैंस मालिकों को उचित मुआवजा दिया जाएगा.