इस तरह करें धान की बुवाई, फसल में नहीं लगेगा रोग..रबी सीजन में बढ़ जाएगी गेहूं की उपज

पंजाब सरकार धान की सीधी बुवाई (DSR) तकनीक को बढ़ावा दे रही है, जिससे भूजल की बचत, खेती की लागत में कमी और फसल में रोग कम होते हैं. इससे रबी सीजन में गेहूं की पैदावार भी बढ़ती है.

नोएडा | Updated On: 6 Jun, 2025 | 09:20 AM

पंजाब सरकार गिरत भूजल स्तर को रोकने के लिए प्रदेश में धान की सीधी बुवाई (DSR) तकनीक को बढ़ावा दे रही है. लेकिन इस तकनीक को अपनाने से न केवल भूजल की बचत हो रही है, बल्कि किसानों के खेती पर होने वाले खर्चे भी कम हो गए हैं. इससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है. खास बात यह है कि DSR तकनीक से धान की खेती करने पर फसल में बीमारी लगने की संभावना भी कम रहती है. साथ ही रबी सीजन में गेहूं की पैदावार भी बढ़ जाती है. इन फायदों की वजह से अमृतसर जिले में किसान तेजी से DSR तकनीक की तरफ रूख कर रहे हैंं.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, अमृतसर जिले में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने ब्लॉक कृषि अधिकारी डॉ. हरपिंदर सिंह के नेतृत्व में धान की सीधी बुवाई (DSR) तकनीक को बढ़ावा देने की पहल शुरू की है. डॉ. सिंह और उनकी टीम ने पोंगा गांव का दौरा कर उन किसानों से मुलाकात की, जो इस तकनीक को अपना चुके हैं और अन्य किसानों को भी इसके लिए प्रोत्साहित किया.

रबी सीजन में बढ़ जाएगी गेहूं की पैदावार

डॉ. सिंह ने कहा कि धान की सीधी बुवाई पानी बचाने वाली और कम खर्च वाली तकनीक है, जो खासतौर पर गिरते भूजल स्तर को देखते हुए बेहद फायदेमंद है. इससे 20-25 फीसदी मजदूरी और 15-20 फीसदी पानी की बचत होती है. साथ ही बीमारियों का प्रकोप कम होता है. सिंह ने कहा कि इस तकनीक को अपनाने वाले किसानों को पराली प्रबंधन के लिए एक हफ्ता अतिरिक्त समय भी मिल जाता है. इसके अलावा, जिन खेतों में धान की सीधी बुवाई DSR की जाती है, उनमें रबी सीजन के दौरान गेहूं की पैदावार में लगभग एक क्विंटल की बढ़ोतरी देखी गई है.

सरकार दे रही है 1500 रुपये एकड़ की सहायता

अधिकारियों ने कहा कि पंजाब सरकार इस तकनीक को अपनाने वाले किसानों को प्रति एकड़ 1,500 रुपये की सहायता भी दे रही है. सारंगदेव गांव के किसान गुरसिमरन प्रीत सिंह ने कहा कि वे पिछले 14 सालों से DSR तकनीक अपना रहे हैं. इससे उन्हें काफी फायदा हुआ है. उनकी कमाई और पैदावार में बढ़ोतरी हुई है.

5,000 एकड़ में DSR तकनीक से धान की खेती

वहीं, पोंगा गांव के हरविंदर सिंह ने कहा कि वे पिछले 5 साल से धान की सीधी बुवाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तकनीक से पैदावार बढ़ी है और जुताई पर आने वाला खर्च भी काफी कम हो गया है. हालांकि, कृषि विभाग का लक्ष्य इस साल अजनाला विधानसभा क्षेत्र में करीब 5,000 एकड़ में DSR तकनीक से धान की खेती कराने की है. इस मौके पर एडीओ अजमेर सिंह, डॉ. प्रभजोत कौर और एईओ गुरिंदर सिंह भी मौजूद थे.

Published: 6 Jun, 2025 | 09:20 AM