Fish Farming : दिसम्बर का महीना आते ही ठंड अपने चरम पर होती है और इसका सीधा असर तालाब की मछलियों पर भी पड़ता है. तापमान गिरने पर मछलियां कम खाना खाती हैं, धीरे तैरती हैं और अक्सर बीमार भी पड़ जाती हैं. ऐसे में बिहार के डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग ने मछली पालकों के लिए जरूरी सलाह जारी की है, ताकि किसान सर्दियों में भी अच्छा उत्पादन ले सकें और मछलियां पूरी तरह सुरक्षित रह सकें.
ठंड में बदल जाता है मछलियों का खान-पान
सर्दी बढ़ते ही मछलियों की गतिविधि कम हो जाती है. ऐसे में उन्हें जरूरत से ज्यादा भोजन देने से पानी प्रदूषित हो सकता है और मछलियां बीमार पड़ सकती हैं. विभाग ने सलाह दी है कि सामान्य दिनों में मछलियों को उनके कुल वजन का 1 से 1.5 प्रतिशत पूरक आहार के रूप में दिया जाए. लेकिन जैसे ही तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाता है, मछलियां खाना कम करती हैं. इस स्थिति में आहार को घटाकर केवल 1 प्रतिशत कर देना चाहिए या बिल्कुल बंद भी किया जा सकता है.
दिसम्बर माह में मत्स्य-पालकों द्वारा ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बातें।@SurendramBJP@vijayaias@IPRDBihar@Agribih@Dept_of_AHD@Min_FAHD@HorticultureBih#comfed #dairy #pashupalak #fish #fisheries #BiharAnimalAndFisheriesResourcesDept pic.twitter.com/bod4AfhGoe
और पढ़ें— Dairy, Fisheries and Animal Resources Dept., Bihar (@BiharAFRD) December 11, 2025
प्राकृतिक भोजन बन सकता है ठंड में सबसे अच्छा सहारा
जब पूरक चारा बंद कर दिया जाए, तब मछलियों को भूखा न रहने दें. इसके लिए तालाब में प्राकृतिक भोजन की उपलब्धता जरूर सुनिश्चित करें. प्राकृतिक भोजन तैयार करने के लिए किसान ये सरल तरीके अपना सकते हैं-
- गोबर, चूना और सरसों की खली का मिश्रण डालना
- पानी की गहराई और रंग पर लगातार नजर रखना
- अवांछित खरपतवार को हटाते रहना
इससे तालाब में प्लवक (प्लैंकटन) की मात्रा बढ़ती है, जो मछलियों के लिए सबसे जरूरी प्राकृतिक भोजन है.
कम तापमान में तालाब प्रबंधन बहुत जरूरी
सर्दियों में पानी का तापमान अचानक बदलना मछलियों के लिए खतरा बन सकता है. इसलिए तालाब की गहराई, पानी की स्वच्छता और घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
- पानी की गहराई कम से कम 5 फीट रखें
- तेज ठंड में तालाब के किनारे पर हल्की खुदाई कर अधिक गहराई बनाएं
- तालाब में अधिक खरपतवार न उगने दें
यदि जरूरत पड़े, तो किसान पानी के किनारों पर पराली, सूखी घास या पौधों की डंठल छोड़ सकते हैं. इससे पानी का तापमान थोड़ा स्थिर रहता है और मछलियाँ सुरक्षित रहती हैं.
सरकारी विभाग की अपील
बिहार सरकार का मत्स्य निदेशालय मछली पालकों से अपील कर रहा है कि सर्दियों में थोड़ी सी लापरवाही भी उत्पादन पर बड़ा असर डाल सकती है. इसलिए पूरक आहार की मात्रा, पानी की निगरानी और तालाब की उचित देखभाल पर खास ध्यान देना जरूरी है. सरकार समय-समय पर प्रशिक्षण और तकनीकी मार्गदर्शन भी दे रही है, ताकि किसान आधुनिक तरीकों से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें.