Punjab News: पंजाब में पिछले 15 दिनों में कुल 95 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. हालांकि, मंगलवार को एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में मालवा क्षेत्र में कटाई शुरू होने के साथ मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है. अब तक पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) ने 95 मामलों में 2.30 लाख रुपये का पर्यावरण जुर्माना लगाया है, जिसमें से 1.80 लाख रुपये वसूल भी किया जा चुका है. पराली जलाने वालों के खिलाफ अब तक 51 एफआईआर धारा 223 बीएनएस के तहत दर्ज की गई हैं, जो सरकारी आदेश की अवहेलना के लिए लगाई जाती है. वहीं, कई पराली जलाने वाले लोगों के नाम ‘रेड एंट्री’ में डाले गए हैं.
PPCB के एक अधिकारी ने कहा कि राजस्व विभाग ने 33 किसानों के नाम ‘रेड एंट्री’ में डाले हैं. ‘रेड एंट्री’ का मतलब है कि जिन किसानों ने पराली जलाई है, उन्हें कर्ज, गिरवी, जमीन की बिक्री और गन लाइसेंस जैसी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. इसके अलावा, 5 एफआईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ भी दर्ज की गई हैं जिन्होंने पराली जलाई. इस बीच, राज्य के सभी प्रमुख शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 100 से नीचे रहा, जिसे संतोषजनक माना जा रहा है.
55 मामले सिर्फ अमृतसर से
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पराली जलाने की निगरानी 15 सितंबर से शुरू हो गई थी. अब तक 30 सितंबर तक कुल 95 मामले सामने आए हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 129 मामले और 2023 में 147 मामले दर्ज किए गए थे. पंजाब में अब तक दर्ज पराली जलाने के 57 फीसदी यानी 55 मामले सिर्फ अमृतसर से हैं. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह अस्थायी राहत है और आने वाले दिनों में पराली जलाने की घटनाएं फिर से बढ़ सकती हैं.
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PPCB) के एक विशेषज्ञ ने कहा कि अमृतसर में पराली जलाने के मामलों में तेजी इसलिए आई, क्योंकि वहां जल्दी बोई गई फसल की कटाई हो चुकी है, ताकि खेतों में आलू और दूसरी सब्जियां बोई जा सकें. लेकिन कुछ ही दिनों में मालवा क्षेत्र में भी फसल कटाई शुरू हो जाएगी और तब पराली जलाने के मामलों में फिर तेजी आ सकती है.
पराली जलाने पर होगी सख्त कार्रवाई
बता दें कि कल ही हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं पर लगाम लगाने क लिए कड़ा कदम उठाया. मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि कार्य योजना का 100 फीसदी पालन सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने साफ कहा कि पराली जलाने पर सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति है. उन्होंने यह भी जोर दिया कि हवा की गुणवत्ता बनाए रखना सिर्फ हरियाणा ही नहीं, बल्कि नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) की सेहत के लिए भी जरूरी है. वहीं, अब हर गांव में हर खेत की मैपिंग होगी, ताकि यह तय किया जा सके कि किस खेत में किस तरीके से पराली प्रबंधन होगा.