Punjab News: पंजाब के लुधियाना जिले में इस बार धान की खरीदारी की रफ्तार काफी धीमी है. अब तक तय लक्ष्य का सिर्फ 27 फीसदी धान ही खरीदा जा सका है. अधिकारियों का कहना है कि कटाई के दौरान हुई बेमौसम बारिश इसकी मुख्य वजह है, जिससे फसल को भारी नुकसान हुआ और मंडियों में पहुंच रही धान की फसल में बीमारियां भी फैल गईं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल लुधियाना में 16.56 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब तक सरकारी एजेंसियों ने केवल 4.5 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा है. अब तक मंडियों में कुल 4,95,521 मीट्रिक टन धान पहुंचा है, जिसमें से 41,114 मीट्रिक टन धान की खरीद अभी बाकी है. अधिकारियों ने कहा कि पंजाब में धान की खरीद प्रक्रिया 30 नवंबर 2025 तक जारी रहेगी. वहीं, फसल में नई बीमारी भी लग गई है. इससे पैदावार में गिरावट आई है.
किसानों ने मंडियों में अपनी चिंता जताते हुए कहा कि इस बार हालात और भी मुश्किल हैं, क्योंकि धान की फसल में फॉल्स स्मट और राइस ब्लैक स्ट्रिक्ड ड्वार्फ वायरस (RBSDV) सहित कई तरह की बीमारियां फैल गई हैं. इससे दाने का रंग बदल गया है. जालंधर के पास बहादुर के गांव के किसान जसपाल सिंह ने कहा कि खरीद एजेंसियां हमसे 37.5 किलो के मानक बोरे के साथ कुछ अतिरिक्त किलो धान देने को कह रही हैं, जिससे हम पर ज्यादा बोझ पड़ रहा है. ऊपर से हमें अपनी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,389 रुपये भी नहीं मिल रहा, जिससे स्थिति और कठिन हो गई है.
संक्रमण से पैदावार में आई गिरावट
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के कृषि विभाग के एक हालिया सर्वे के अनुसार, फॉल्स स्मट बीमारी ने लगभग 28,045 एकड़ धान की फसल को प्रभावित किया है. औसतन 7.18 फीसदी खेतों में संक्रमण पाया गया, जिससे प्रति एकड़ करीब 2.15 क्विंटल उत्पादन घटा है. सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र जगरोआं (7,000 एकड़), पक्खोवाल (5,200 एकड़), सिधवां बेट (4,500 एकड़) और माछोहा (3,000 एकड़) हैं.
1,797 एकड़ फसल में फैली बीमारी
इसी बीच, आरबीएसडीवी (RBSDV) वायरस लगभग 1,797 एकड़ में पाया गया है, जहां औसतन 9.27 फीसदी फसल संक्रमित हुई है और प्रति एकड़ करीब 2.78 क्विंटल उत्पादन घटा है. यह वायरस मच्छीवाड़ा इलाके में सबसे अधिक गंभीर है, जहां 30 फीसदी से 100 फीसदी तक पौधे प्रभावित हैं, जबकि सहनेवाल में संक्रमण 30 फीसदी से 75 फीसदी तक देखा गया है.
12 फीसदी तक फसल संक्रमित
ब्लॉकवार आंकड़ों के अनुसार, देहलोन, पक्खोवाल और लुधियाना ब्लॉकों में फॉल्स स्मट के कारण 10 फीसदी से 12 फीसदी तक संक्रमण पाया गया है. मच्छीवाड़ा और समराला में फॉल्स स्मट और RBSDV दोनों का मध्यम असर है, जबकि रायकॉट, सिधवां बेट और जगरोआं में संक्रमण की दर कम है. लेकिन प्रभावित क्षेत्र बड़े हैं, जिससे बीमारी का फैलाव ज्यादा दिख रहा है.
मानकों में थोड़ी रियायत देने की मांग
लुधियाना वेस्ट के जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक सरताज सिंह चीमा ने कहा कि मंडियों में पहुंच रही फसल की क्वालिटी केंद्र सरकार के खरीद मानकों पर खरी नहीं उतर रही है. हमने केंद्र एजेंसी से मानकों में थोड़ी रियायत देने की मांग की है, ताकि खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके. इसके अलावा, लुधियाना की चार मंडियों से फसलों के सैंपल लिए गए हैं, ताकि उनकी गुणवत्ता की जांच की जा सके, लेकिन रिपोर्ट अभी आनी बाकी है.