गुड़हल के पौधे की जड़ें तेजी से फैलती हैं और उन्हें बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह की जरूरत होती है. अगर गमला छोटा होगा, तो पौधा कमजोर रह जाएगा और फूल भी कम खिलेंगे. इसलिए कम से कम 12-14 इंच गहरा और चौड़ा गमला चुनें.
गुड़हल को साधारण मिट्टी से ज्यादा पोषक और हल्की मिट्टी पसंद होती है. इसके लिए गमले में बगीचे की मिट्टी, वर्मी कंपोस्ट और बालू बराबर मात्रा में मिलाकर भरें. वर्मी कंपोस्ट पौधे को पोषण देगा, जबकि बालू मिट्टी को हल्का और जल निकासी योग्य बनाएगा.
गुड़हल के पौधे को लगातार नमी चाहिए, लेकिन पानी का ठहराव नहीं होना चाहिए. गर्मियों में इसे रोज़ाना पानी दें और सर्दियों में हफ्ते में 2-3 बार पर्याप्त है. ध्यान रखें कि मिट्टी हमेशा हल्की नम रहे, क्योंकि ज्यादा पानी जड़ों को सड़ा सकता है और पौधे को नुकसान पहुंचा सकता है.
गुड़हल को भरपूर पोषण की जरूरत होती है. हर 15 दिन में पौधे को अच्छी गुणवत्ता वाली जैविक खाद दें. इसके लिए गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट या लिक्विड खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे फूल ज्यादा खिलते हैं और उनका आकार बड़ा होता है.
गुड़हल के पौधे को रोजाना 4-6 घंटे की धूप चाहिए. अगर पौधा धूप में नहीं रहेगा तो उसमें फूल बहुत कम खिलेंगे. इसलिए गमले को हमेशा खुले स्थान पर रखें जहाँ सीधी धूप आती हो. पर्याप्त रोशनी पौधे की ग्रोथ तेज करती है और उसे हरा-भरा बनाए रखती है.
पौधे से सूखे पत्ते और कमजोर टहनियाँ समय-समय पर हटा दें. इससे पौधे पर नई कलियाँ तेजी से आती हैं और वह ज्यादा फूल देता है. इसके अलावा, पौधे को समय-समय पर छंटाई करना भी जरूरी है, ताकि उसकी शेप बनी रहे और वह सुंदर दिखाई दे.