पंजाब के 14 जिलों में बाढ़ ने मचाई तबाही, 1.9 लाख एकड़ फसल पानी में डूबी.. धान चौपट

पंजाब में भीषण बाढ़ से 14 जिलों के 1.9 लाख एकड़ से ज्यादा खेत डूब गए हैं, जिससे धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है. सरकार ने विशेष गिर्दावरी के आदेश दिए हैं. सबसे अधिक नुकसान फाजिल्का, कपूरथला और फिरोजपुर में दर्ज किया गया है.

नोएडा | Updated On: 31 Aug, 2025 | 12:55 PM

पंजाब इन दिनों भीषण बाढ़ से जूझ रहा है. राज्य के 14 जिलों में बाढ़ ने तबाही मचा दी है, जिससे 1.9 लाख एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि पानी में डूब गई है. यह नुकसान खासकर धान की फसल के सीजन में किसानों के लिए भारी आर्थिक झटका है. राज्य के 1,018 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में गुरदासपुर में 323 गांव, कपूरथला में 107 गांव, फिरोजपुर में 101 गांव, पठानकोट में 89 गांव, होशियारपुर में 85 गांव, मुक्तसर में 64 गांव, फाजिल्का में 52 गांव, तरनतारन में 45 गांव, मोगा में 35 गांव और संगरूर व बरनाला में 22-22 गांव शामिल हैं.

वहीं, किसान और कृषि विभाग को इस बार धान की फसल में भारी नुकसान का डर सता रहा है, क्योंकि पिछले दो हफ्तों से खेतों में पानी भरा हुआ है. सरकार ने पहले ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में फसल नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिर्दावरी के आदेश दिए हैं, जो पानी उतरने के बाद की जाएगी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा नुकसान फाजिल्का में हुआ है, जहां 41,099 एकड़ खेती पानी में डूबी है.

हजारों एकड़ में धान की फसल बर्बाद

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कपूरथला में 28,714 एकड़, फिरोजपुर में 26,703 एकड़, तरनतारन में 24,532 एकड़, पठानकोट में 17,297 एकड़ और होशियारपुर में 13,064 एकड़ खेत प्रभावित हुए हैं. गुरदासपुर में अभी नुकसान का पूरा आंकड़ा नहीं जुटाया गया है, लेकिन एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, वहां 323 गांव बाढ़ की चपेट में हैं और लगभग 30,000 एकड़ खेतों को नुकसान होने की आशंका है. इसके अलावा, मोगा, मुक्तसर, बरनाला और संगरूर में भी लगभग 10,000 एकड़ खेती प्रभावित होने का अनुमान है.

ब्यास नदी का जलस्तर 2.4 लाख क्यूसेक से ज्यादा

शनिवार सुबह ब्यास नदी का जलस्तर 2.4 लाख क्यूसेक से ज्यादा हो गया, जिससे कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी के चक्कपट्टी बालू बहादुर गांव के पास तटबंध टूट गया. इससे इलाके के कई गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है और करीब 50,000 एकड़ धान की फसल डूबने की आशंका है. राज्यसभा सांसद बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि शनिवार सुबह 7 बजे ब्यास नदी 2.4 लाख क्यूसेक पर बह रही थी, जो दोपहर तक 2.17 लाख क्यूसेक रही. इसी दौरान चक्कपट्टी बालू बहादुर के पास तटबंध में दरार आ गई. सीचेवाल ने कहा कि स्थानीय लोग कई दिनों से 20 किलोमीटर लंबे एडवांस तटबंध को बचाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बढ़ते जलस्तर के दबाव के आगे तटबंध टिक नहीं पाया. अहली कलां के पास भी तटबंध टूटने से अहली खुर्द, अहली कलां और आसपास के गांवों की धान की फसल को बड़ा खतरा है, क्योंकि पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है.

 

 

 

 

 

 

Published: 31 Aug, 2025 | 12:50 PM