बकरी पालन करते समय कैसे पहचानें बकरी स्वस्थ है या नहीं, ये असरदार तरीके आपकी कमाई बढ़ा देंगे

बकरी पालन में सफल होने के लिए किसानों को अपनी बकरियों की सेहत पर ध्यान देना जरूरी है. बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अनुसार स्वस्थ बकरी का तापमान, पानी पीने की आदत और खुर की स्थिति से आसानी से पहचान की जा सकती है. सही देखभाल से मुनाफा बढ़ता है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 1 Dec, 2025 | 06:00 AM

Goat Health : बकरी पालन आज छोटे और बड़े किसानों के लिए आय का बड़ा स्रोत बन गया है. लेकिन कई बार किसानों को यह पता नहीं होता कि उनकी बकरियां पूरी तरह स्वस्थ हैं या नहीं. बीमार बकरी न केवल दूध कम देती है बल्कि अन्य रोगों का खतरा भी बढ़ाती है. बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अनुसार कुछ आसान संकेत हैं, जिनसे किसान अपने पशुओं की सेहत तुरंत पहचान सकते हैं. सही देखभाल और समय पर पहचान से बकरी का दूध उत्पादन बेहतर होता है और इलाज में भी जल्दी फायदा मिलता है.

बकरी का तापमान और पानी पीने की आदत

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्वस्थ बकरी  का शरीर का तापमान लगभग 101.5°F से 103.5°F के बीच होता है. तापमान इससे कम या ज्यादा होना किसी बीमारी का संकेत हो सकता है. इसके अलावा, बकरी दिन भर में पर्याप्त पानी पीती है. अगर बकरी पानी नहीं पी रही है, तो यह किडनी या पाचन संबंधी समस्या की ओर इशारा कर सकता है. किसानों को चाहिए कि वे रोज बकरियों का पानी पीने का पैटर्न ध्यान से देखें. पानी की कमी होने पर तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है.

खुर की स्थिति से पहचानें बीमारी

बकरी के खुर की देखभाल भी बहुत महत्वपूर्ण है. एक स्वस्थ बकरी का खुर साफ, सख्त और बिना दरार का होता है. अगर खुर में बदबू, सड़न या लंगड़ाना दिखाई दे, तो यह खुर रोग का संकेत हो सकता है. ऐसे रोग समय रहते सही इलाज न होने पर बकरी के चलने-फिरने और दूध उत्पादन  पर गंभीर असर डाल सकते हैं. किसानों को चाहिए कि वे नियमित रूप से खुर की जांच करें और आवश्यकतानुसार सफाई या उपचार करवाएं.

दूध उत्पादन और सामान्य व्यवहार से पहचान

स्वस्थ बकरी का व्यवहार भी उसका स्वास्थ्य बताता है. सामान्य तौर पर स्वस्थ बकरी सक्रिय रहती है, भोजन नियमित खाती है और दूध का उत्पादन संतोषजनक होता है. अगर बकरी सुस्त है, कम खा रही है या दूध कम दे रही है, तो यह किसी भी बीमारी की शुरुआती चेतावनी हो सकती है. बिहार सरकार के पशुपालन  निदेशालय का कहना है कि किसानों को अपने फार्म में रोजाना बकरियों की गतिविधियों और दूध उत्पादन पर नजर रखनी चाहिए. बकरी की सेहत पर नजर रखना सिर्फ दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए ही नहीं, बल्कि रोगों को जल्दी पहचानकर इलाज कराने और आर्थिक नुकसान से बचने के लिए भी जरूरी है. बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग  के ये आसान उपाय किसानों को उनकी बकरियों को स्वस्थ रखने में मदद करेंगे और बकरी पालन को लाभकारी बनाएंगे.

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Published: 1 Dec, 2025 | 06:00 AM

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