Cattle Care Tips: पशुओं में फैल रही खतरनाक बीमारी, नुकसान से बचाएंगे ये उपाय

बिहार में पशुओं में खुरपका और मुंहपका बीमारी का खतरा बढ़ गया है. यह तेजी से फैलने वाली बीमारी है. सरकार ने सतर्क रहने और समय पर टीकाकरण कराने की सलाह दी है. पशुपालकों को लक्षण पहचानने और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की अपील की गई है.

Kisan India
नोएडा | Published: 30 Oct, 2025 | 06:45 AM

Bihar News: बिहार के कई जिलों में इन दिनों पालतू पशुओं में खुरपका और मुंहपका नाम की बीमारी फैल रही है. यह बीमारी खासकर गाय, भैंस, बकरी और भेड़ जैसे पागुर (जुगाली करने वाले) जानवरों में होती है. बिहार सरकार के पशुपालन निदेशालय ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है और पशुपालकों को सतर्क रहने की सलाह दी है.

यह एक छुआछूत की बीमारी है, यानी एक पशु से दूसरे पशु में तेजी से फैलती है. अगर समय पर इलाज न हो तो पशुओं की हालत काफी खराब हो सकती है और दूध उत्पादन भी प्रभावित होता है. आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी जरूरी जानकारी.

क्या है खुरपका और मुंहपका बीमारी?

खुरपका और मुंहपका (Foot and Mouth Disease-FMD) एक वायरल बीमारी है, जो पालतू पशुओं में बहुत तेजी से फैलती है. इसका असर पशुओं के मुंह, जीभ, मसूड़ों और पैरों पर होता है. यह बीमारी बहुत तकलीफदेह होती है और अगर समय पर इलाज न मिले तो पशु कमजोर हो जाते हैं, खाना-पीना छोड़ देते हैं और उनका वजन घटने लगता है. यह बीमारी अधिकतर बरसात और ठंड के मौसम में ज्यादा फैलती है, लेकिन गर्मी में भी इसके मामले सामने आ सकते हैं.

बीमारी के मुख्य लक्षण क्या हैं?

अगर आपके पशु में कांपना, तेज बुखार, मुंह से लार टपकना, जीभ और मसूड़ों में फफोले, खुरों में घाव, लंगड़ाना, खाना छोड़ना और हांफने जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत सतर्क हो जाइए. ये खुरपका-मुंहपका बीमारी के संकेत हो सकते हैं. यह बीमारी बेहद संक्रामक होती है और एक पशु से दूसरे में तेजी से फैलती है. अगर समय पर इलाज न हो तो दूध उत्पादन घट सकता है और पशु की जान को भी खतरा हो सकता है. इसलिए लक्षण दिखते ही पशु चिकित्सक से संपर्क करें और बीमार पशु को अलग रखें. सतर्कता ही बचाव है.

कैसे फैलती है यह बीमारी?

यह बीमारी संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने से फैलती है. जब कोई स्वस्थ पशु बीमार पशु के थूक, लार, चारा या बिछावन के संपर्क में आता है तो वह भी संक्रमित हो सकता है. इसके अलावा, यह बीमारी हवा के जरिये भी कुछ दूरी तक फैल सकती है. पशुपालन करने वाले लोगों के कपड़ों, हाथों या उपकरणों के जरिये भी यह एक जगह से दूसरी जगह पहुंच सकती है.

बचाव के लिए क्या करें?

बिहार सरकार के पशुपालन विभाग ने पशुपालकों के लिए कुछ जरूरी सावधानियां बताई हैं:-

  • सभी पालतू पशुओं का नियमित टीकाकरण कराएं
  • बीमार पशु को तुरंत अलग रखें
  • पशुशाला की सफाई और कीटाणुनाशक दवा का छिड़काव करें
  • संक्रमित क्षेत्र में नए पशु न लाएं
  • पशुओं को साफ और ताजा चारा-पानी दें
  • पशु चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें

सरकार की ओर से नजदीकी पशु अस्पतालों और शिविरों में मुफ्त टीकाकरण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है.

सरकार की पहल और किसानों से अपील

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार ने राज्यभर में टीकाकरण अभियान चलाया है. कई जिलों में शिविर लगाए जा रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा पशुओं को सुरक्षित किया जा सके. विभाग ने सभी पशुपालकों से अपील की है कि वे अपने पशुओं का समय पर टीका लगवाएं और बीमारी के लक्षण दिखते ही नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें. सरकार ने यह भी कहा है कि अगर कोई पशुपालक बीमारी को छुपाता है, तो बाकी जानवरों के लिए खतरा और बढ़ सकता है. इसलिए सहयोग करें और अपने पशुओं की सुरक्षा के लिए जागरूक रहें.

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Published: 30 Oct, 2025 | 06:45 AM

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