पंजाब में आज से धान की रोपाई शुरू, 7 लाख हेक्टेयर तक पहुंच सकता है बासमती का रकबा

पंजाब में 1 जून से धान की खेती शुरू हो गई है, लेकिन भूजल संकट पर विशेषज्ञों की चिंता तजाई है. सरकार DSR तकनीक को बढ़ावा दे रही है, पर किसानों की रुचि कम है. बिजली मांग बढ़ने पर 8 घंटे मुफ्त आपूर्ति का वादा किया गया है.

नोएडा | Updated On: 1 Jun, 2025 | 09:11 AM

पंजाब में धान की आधिकारिक खेती का सीजन आज यानी 1 जून से शुरू हो गया है. लेकिन विशेषज्ञों की चिंता भी लगातार बढ़ रही है, क्योंकि भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है. इसके बावजूद इस बार भी राज्य में धान की खेती बड़े स्तर पर की जाएगी. वहीं, गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए पंजाब सरकार धान की सीधी बुवाई (DSR) को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है, लेकिन किसानों ने अब तक ज्यादा रुचि नहीं दिखाई है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक सिर्फ 1,400 किसानों ने करीब 15,000 एकड़ में सीधी बुवाई की है. हालांकि बासमती की भी सीधी बुवाई की जा सकती है, पर किसान अभी भी पारंपरिक तरीके से रोपाई को ही तरजीह देते हैं. राज्य में धान की खेती करीब 33 लाख हेक्टेयर में होती है, जिसमें से 73 फीसदी इलाका ट्यूबवेल से सिंचित होता है. पिछले साल 32.43 लाख हेक्टेयर में धान बोया गया था, जिसमें 6.80 लाख हेक्टेयर बासमती था. इस साल यह आंकड़ा 7 लाख हेक्टेयर तक पहुंचने की उम्मीद है.

धान रोपाई के लिए मजदूरों की कमी

इस बीच किसानों का कहना है कि धान की रोपाई के लिए जो अनुभवी मजदूर हर साल आते हैं, वे अभी तक लौटे नहीं हैं. हालांकि, वे भरोसा जता रहे हैं कि 15 जून तक, जब रोपाई का पीक समय होता है, तब तक ज्यादातर मजदूर आ जाएंगे. इस बार पंजाब को तीन जोनों में बांटा गया है, ताकि भूजल का सही इस्तेमाल हो सके और खेती टिकाऊ बने.

तीन चरणो में होगी धान की रोपाई

1 जून से रोपाई की शुरुआत फरीदकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का, श्री मुक्तसर साहिब और बठिंडा में होगी. जबकि, 5 जून से गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर, तरनतारन, रूपनगर, मोहाली, फतेहगढ़ साहिब और होशियारपुर में धान रोपाई शुरू होगी. इसी तरह 9 जून से लुधियाना, मलेरकोटला, मानसा, मोगा, बरनाला, पटियाला, संगरूर, कपूरथला, जालंधर और नवांशहर में किसान धान की बुवाई करेंगे.

रोजाना 8 घंटे मिलेगी मुफ्त की बिजली

प्रदेश में किसानों के कई मुद्दों को लेकर पहले से ही विरोध जारी है, ऐसे में राज्य सरकार ने उन्हें रोजाना 8 घंटे की मुफ्त और लगातार बिजली देने का ऐलान किया है. पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) का कहना है कि वह धान की खेती के कारण बढ़ी बिजली की मांग को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है. राज्य में 14 लाख से ज्यादा ट्यूबवेल धान के खेतों में भूजल निकालते हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए पीक डिमांड को पूरा करने की तैयारी की गई है. इस सीजन में बिजली की मांग 17,000 मेगावाट से ज्यादा हो सकती है, खासकर अगर मॉनसून में देरी होती है.

 

Published: 1 Jun, 2025 | 09:06 AM