गेहूं किसानों के लिए बड़ी घोषणा करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बोनस देने का ऐलान कर दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2026 मार्केटिंग सीजन में होने वाली गेहूं खरीद के लिए किसानों को यह लाभ दिया जाएगा. केंद्र की और से तय न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी से 275 रुपये अधिक राज्य सरकार किसानों को देगी. इससे पहले किसानों को कोदो-कुटकी के लिए 1000 रुपये बोनस देने की भी घोषणा की जा चुकी है.
कोदो-कुटकी के बाद गेहूं के लिए बोनस का ऐलान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल में कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार सोयाबीन किसानों को भी फसल का उचित दाम दिला रही है. अब कोदो-कुटकी भी सरकार खरीद रही है. कोदो कुटकी किसानों को 1000 रुपये बोनस भी बीते सप्ताह देने की घोषणा की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को केंद्र की ओर से तय एमएसपी से अधिक दाम दिया जा रहा है. ताकि, किसानों को उसकी उपज के साथ आर्थिक बढ़ोत्तरी हो सके.
किसानों को एमएसपी से 275 रुपये अधिक भाव मिलेगा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार अगले वर्ष किसानों को गेहूं के लिए 2700 रुपए प्रति क्विंटल का भाव देगी. राज्य सरकार गेहूं किसानों को बोनस के 275 रुपये बोनस के रूप में देगी. केंद्र सरकार की ओर से 205-26 मार्केटिंग सीजन के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये तय किया गया है. मध्य प्रदेश सरकार अपने गेहूं किसानों को इसमें से 275 रुपये बढ़ाकर देगी.
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सीएम ने की शरबती गेहूं की तारीफ
मुख्यमंत्री ने सीहोर के शरबती गेहूं की सराहना की. उन्होंने कहा कि शरबती गेहूं की बाजार में खूब डिमांड है, जिसकी बुवाई कर किसान अच्छे उत्पादन के साथ अच्छी कीमत पा सकते हैं. शरबती गेहूं मध्य प्रदेश की एक प्रीमियम किस्म है, जिसे इसके मीठे स्वाद, सुनहरे रंग और बेहतर बनावट के लिए जाना जाता है. यह गेहूं किस्म राज्य के सीहोर जिले, अशोकनगर और होशंगाबाद जिले समेत कई अन्य इलाकों में खूब उगाया जाता है. यह गेहूं उच्च प्रोटीन और ग्लूटेन सामग्री के कारण पोषण से भरपूर होता है, जिससे इससे नरम और फूली हुई रोटियां बनती हैं.
गेहूं उत्पादन का रिकॉर्ड टूटने की संभावना
रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई देशभर में तेजी से चल रही है. मध्य प्रदेश के किसान भी गेहूं की जमकर बुवाई करते हैं. कृषि जानकारों का मानना है कि इस बार बीते कई वर्षों का गेहूं उत्पादन का रिकॉर्ड टूटने का अनुमान जताया गया है, क्योंकि अच्छी बारिश के चलते मिट्टी में पर्याप्त नमी अंकुरण के लिए अनुकूल है. ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों ने भी शरबती के अलावा पूसा, पीएयू समेत अन्य नाम के गेहूं किस्मों की बुवाई की सलाह दी गई है.