Diwali Par Rangoli Banae: दीपावली का त्योहार भारत के सबसे प्रमुख और शुभ पर्वों में से एक है. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है ताकि घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहे. लोग एक दूसरे के घर मिठाई लेकर जाते हैं. लोग घर के हर कोने में दीपक जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत करते हैं. लेकिन इस सबके बीच एक और जरूरी काम है जिसे करने से घर में दिवाली के दिन लक्ष्मी जी का आगमन होता है, और ये काम है घर में रंगोली बनाना. आइए जानते हैं कि रंगोली से कैसे मां लक्ष्मी का महत्व जुड़ा हुआ है.
सकारात्मक उर्जा का प्रतीक है रंगोली
रंगोली न सिर्फ घर की सुंदरता को बढ़ाती है बल्कि इसे शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि दिवाली की रात मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं और जिस घर में स्वच्छता और साज-सज्जा होती है, वहां वे प्रवेश करती हैं. बता दें कि, मां लक्ष्मी को रंगोली बहुत प्रिय है. घर में रंगोली बनाना मां लक्ष्मी के घर में स्वागत करने का प्रतीक है और मां को ये संदेश देती है कि घर में खुशियां और समृद्धि का द्वार खुला है.
रंगोली का मां लक्ष्मी से संबंध
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दिवाली वाले दिन घर के मुख्य द्वार पर बनी रंगोली को लक्ष्मी जी का प्रवेश द्वार कहा जाता है. इसके साथ ही ऐसा भा माना जाता है कि रंगोली देखकर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों के घर धन, वैभव और सुख-शांति का आशीर्वाद देती हैं. यही कारण है कि दिवाली की रात हर घर के दरवाजे पर रंगोली जरूर बनाई जाती है.
परंपरागत आकृतियां और उनका मतलब
पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार, ऐसी माना जाता है कि दिवाली पर बनाई जाने वाली रंगोलियों में खास आकृतियों का महत्व होता है यानी हर एर रंगोली का अपना महत्व है. जैसे-
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कमल का फूल – कमल का फूल मां लक्ष्मी का प्रिय प्रतीक है , जो कि वैभव और समृद्धि दर्शाता है.
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स्वास्तिक – रंगोली में स्वास्तिक चिन्ह बनाने के पीछे मंगल और शुभता का प्रतीक छुपा हुआ है.
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दीपक की आकृति – अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का संकेत.
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श्री या ॐ – घर में धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण का प्रतीक।