IFFCO Salary Hike: दिवाली से पहले IFFCO ने अपने संविदा कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी संस्था इफको (IFFCO) ने इस दिवाली अपने संविदा कर्मचारियों के लिए एक अहम फैसला लिया है. इस फैसले के तहत संस्था में संविदा पर काम करने वाले अकुशल कर्मचारियों को कम से कम 20 हजार रुपये हर महीने वेतन के तौर पर दिए जाएंगे. इफको चेयरमैन दिलीप संघाणी ने किसान इंडिया से खास बातचीत में कहा कि किसी के लिए भी 20 हजार रुपए से कम सैलरी में घर चलाना आसान नहीं. इसीलिए यह फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि हमने सुनिश्चित किया है कि किसी भी तरह की कटौती के बाद कर्मचारी के हाथ कम से कम 20 हजार रुपए महीना आएं. यानी नेट सैलरी 20 हजार से कम न हो. इसके साथ ही संस्था में काम करने वाले अर्ध-कुशल और कुशल कर्मचारियों के वेतन में भी बढ़ोतरी की जाएगी.
1 नवंबर से लागू होगा नया स्लैब
इफको के चेयरमैन दिलीप संघाणी की अध्यक्षता में की गई बैठक में संस्था में काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया है. बता दें कि, सैलरी का नया स्लैब 1 नवंबर 2025 से लागू किया जाएगा. इफको चेयरमैन दिलीप संघाणी की अध्यक्षता में संगठन की ओर से लिए गए इस फैसले से देशभर में इफको की विभिन्न इकाइयों में काम कर रहे हजारों संविदा कर्मचारियों और उनके परिवारों को सीधा फायदा मिलेगा.
दिवाली पर कर्मचारियों के चेहरों पर खुशी
सैलरी स्लैब में बढ़ोतरी किए जाने के ऐतिहासिक फैसले से देशभर में इफको की इकाइयों में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों के चेहरे पर खुशी की लहर है. बता दें कि संस्था के इस फैसले से कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार होगा और वे त्योहार को और ज्यादा खुशी से मना पाएंगे. इस फैसले के बाद संगठन पर औसतन लगभग 140 करोड़ रुपये का एक्स्ट्रा खर्च आएगा, लेकिन फिर भी कर्मचारियों के हित में लिया गया ये फैसला बेहद ही सराहनीय माना जा रहा है.
इफको चेयरमैन का खास संदेश
अपने सैलरी स्लैब बढ़ाने वाले फैसले के चलते इफको चेयरमैन दिलीप संघाणी ने एक खास संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि इफको हमेशा से मानता है कि हमारे कर्मचारी ही संगठन की रीढ़ हैं. उनका योगदान ही हमारी प्रगति का आधार है. यह फैसला उनके कल्याण और बेहतर भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. बता दें कि इस घोषणा के बाद कर्मचारियों ने संगठन और चेयरमैन के प्रति आभार व्यक्त किया. कर्मचारियों का कहना है कि संस्थान का ये फैसला उनके लिए नई ऊर्जा और उत्साह लेकर आया है और अब वे और ज्यादा समर्पण से संगठन की प्रगति में योगदान देंगे. इफको का यह कदम केवल वेतन बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कर्मचारियों को सम्मान और सुरक्षा देने का प्रतीक भी है.