तेजस्वी का मास्टरस्ट्रोक: जीविका दीदियों और संविदा कर्मियों को मिलेगा सरकारी नौकरी का दर्जा

पार्टी ने अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए राज्य के दो लाख से अधिक संविदा कर्मियों और जीविका दीदियों को स्थायी करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही हर प्रदेश की मां और बहन को मकान, भोजन और स्थायी आमदनी की सुविधा दी जाएगी.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 22 Oct, 2025 | 01:18 PM

Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव के करीब आते ही, राजनीतिक हलचल तेज होती जा रही है. चुनावी संग्राम के बीच नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य की लाखों जीविका दीदियों और संविदा कर्मियों को लेकर बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अगर राज्य में महागठबंधन की सरकार बनती है, तो जीविका दीदियों और संविदा कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा.

तेजस्वी ने कहा कि बिहार के लोग अब बदलाव चाहते हैं. महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से त्रस्त जनता विकास की नई राह देख रही है. “हम जो कहते हैं, वो करते हैं”. इस नारे के साथ उन्होंने याद दिलाया कि जब वे उपमुख्यमंत्री थे, तब नियोजित शिक्षकों को स्थायी करने का वादा किया था, जिसे उनकी सरकार ने पूरा किया.

जीविका दीदियों के लिए बड़ा तोहफा

तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की जीविका दीदियां राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. लेकिन सालों से उनका शोषण होता आया है. उन्होंने ये ऐलान भी किया कि जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा. उनका शुरुआती वेतन 30,000 रुपये प्रति माह होगा. इसके साथ ही उन्हें अतिरिक्त कामों के लिए 2,000 रुपये का भत्ता दिया जाएगा. साथ ही, सरकार बनते ही उन्हें दो साल के लिए ब्याज मुक्त कर्ज, पांच लाख रुपये तक का बीमा, और पुराने कर्ज पर ब्याज माफी दी जाएगी.तेजस्वी ने कहा, “अब कोई भी दीदी अपने परिश्रम का उचित मूल्य पाने से वंचित नहीं रहेगी. हमारी सरकार उनके आत्मसम्मान की रक्षा करेगी.”

संविदा कर्मियों को भी स्थायी करने का वादा

तेजस्वी यादव ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य के 2 लाख से अधिक संविदा कर्मियों के लिए भी राहत का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि उर्मिला और बेल्ट्रॉन जैसी एजेंसियों के माध्यम से काम करने वाले कर्मचारियों को स्थायी किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि संविदा कर्मियों को मिलने वाला वेतन अक्सर भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में अटक जाता है, जिससे उन्हें मानसिक और आर्थिक तनाव झेलना पड़ता है. तेजस्वी ने वादा किया, “हम ऐसी व्यवस्था बनाएंगे कि हर संविदा कर्मी को उसका हक मिलेगा. अब ठेकेदारी और बिचौलियों का खेल खत्म होगा.”

‘MAA योजना’ का एलान

तेजस्वी यादव ने ‘MAA योजना’ की घोषणा भी की, जिसका अर्थ उन्होंने बताया M से मकान, A से अन्न, A से आमदनी है. उन्होंने कहा कि हर मां और बहन को मकान, भोजन और स्थायी आमदनी की सुविधा दी जाएगी. बिहार में वर्तमान में 1.5 लाख से अधिक जीविका दीदियां और 12 लाख से अधिक संविदा कर्मी काम कर रहे हैं, जो लंबे समय से स्थायी दर्जे की मांग कर रहे हैं.

राजनीतिक संदेश और चुनावी रणनीति

तेजस्वी यादव इस बार भी राघोपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जो उनका पारंपरिक गढ़ माना जाता है. इस बार राजद ने 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिनमें 24 महिलाएं, 50 यादव और 18 मुस्लिम उम्मीदवार शामिल हैं. पार्टी ने अपने वोट बैंक को मजबूत करने के साथ-साथ नए चेहरों को भी मौका दिया है. तेजस्वी के इस ऐलान ने न केवल जीविका दीदियों और संविदा कर्मियों के बीच उम्मीद जगाई है, बल्कि बिहार की राजनीति में नई चर्चा को भी जन्म दिया है. उनके वादे ने चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया है.

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