रेशम कीट पालन के लिए महिलाओं को ट्रेनिंग देगी सरकार, 50 हजार दीदियां जुड़ेंगी

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को रेशम उत्पादन से जोड़ने की पहल की है, जिससे अगले पांच साल में 50 हजार महिलाओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 16 May, 2025 | 07:54 PM

उत्तर प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं के लिए अब रेशम कीट पालन आमदनी बढ़ाने का नया जरिया बनने जा रहा है. इसके लिए राज्य सरकार की पहल पर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (SRLM) के तहत स्वयं सहायता समूहों (SHG) की दीदियों को अब रेशम उत्पादन से जोड़ा जाएगा. इसके लिए व्यापक रणनीति तैयार की गई है, और इसे तेजी से अमल भी किया जा रहा है.

50 हजार महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य

जिसे लेकर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि रेशम उत्पादन से ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण महिलाओं को जोड़ा जाए ताकि वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें. इस योजना के तहत अगले पांच साल में 50 हजार स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को रेशम पालन से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया है. इसके लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और रेशम विभाग के बीच कॉन्ट्रैक्ट साइन भी किया जा हो चुका है.

रेशम सखियां बनेंगीं बदलाव की मिसाल

इस योजना के तहत रेशम सखियों का चयन स्वयं सहायता समूहों के बीच से किया जाएगा और उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. ये रेशम सखियां फिर न केवल खुद रेशम कीट पालन करेंगी बल्कि दूसरों को भी प्रेरित और प्रशिक्षित करेंगी. इससे न सिर्फ उनकी आमदनी में इजाफा होगा, बल्कि गांव की दूसरी महिलाएं भी इस मॉडल से जुड़ सकेंगी.

मैसूर और रांची में दीदियों को मिलेगा प्रशिक्षण

योजना को जमीनी हकीकत में बदलने के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता का काम शुरू कर दिया गया है. इसके साथ ही शहतूत रेशम की जानकारी और तकनीकी समझ के लिए एक 14 सदस्यीय दल को कर्नाटक के केंद्रीय रेशम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, मैसूर भेजा जाएगा. वहीं तसर रेशम की समझ के लिए सोनभद्र जिले से 17 सदस्यीय दल को केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, रांची (झारखंड) भेजा जाएगा. इन विजिट्स में रेशम सखियों के साथ मिशन के स्टाफ भी शामिल थे.

इस साल 15 जिलों में सघन अभियान

वित्तीय वर्ष 2025-26 की योजना के मुताबिक, इस साल 7,500 समूह सदस्यों को रेशम उत्पादन से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन 15 जनपदों में किया जाएगा. इसका उद्देश्य है कि ग्रामीण महिलाएं पारंपरिक खेती के साथ-साथ रेशम कीट पालन जैसे वैकल्पिक व्यवसाय से जुड़कर ज्यादा आमदनी कमा सकें.

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Published: 16 May, 2025 | 12:16 PM

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