सरकार का बड़ा फैसला- बिना जांच के अब नहीं बिकेगी कोई खाद, दवाई या बायो प्रोडक्ट

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खाद की कालाबाजारी पर सख्ती के निर्देश दिए. रबी फसल के लिए विकसित कृषि संकल्प अभियान शुरू होगा. बिना वैज्ञानिक जांच के जैव उत्पादों की बिक्री नहीं होगी. किसानों के हित सर्वोपरि हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 14 Aug, 2025 | 11:30 PM

देश के किसानों की समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्यों के कृषि मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक की. इस दौरान उन्होंने खाद-उर्वरकों की उपलब्धता, रबी फसल की तैयारी, जैव उत्तेजक उत्पादों की बिक्री और कृषि सुधार अभियानों पर अहम निर्देश दिए. शिवराज सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं होगा और कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

खाद की कालाबाजारी पर जीरो टॉलरेंस की चेतावनी

बैठक की शुरुआत में शिवराज सिंह चौहान ने खाद-उर्वरकों की कालाबाजारी और दुरुपयोग को लेकर सभी राज्यों को सख्त निर्देश दिए. उन्होंने कहा, किसी भी कीमत पर बेईमानों को नहीं छोड़ा जाएगा. उन्होंने राज्यों से कहा कि वे खाद की मांग का आकलन समय से करें और केंद्र को भेजें ताकि उर्वरक मंत्रालय से समन्वय कर समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके. गैर-कृषि कार्यों में खाद के उपयोग और ब्लैक मार्केटिंग पर कड़ी निगरानी रखने की भी सलाह दी गई.

बायोस्टिमुलेंट्स की अनियंत्रित बिक्री पर रोक

कृषि मंत्री ने बैठक में बायोस्टिमुलेंट्स (जैव उत्तेजक) की अवैज्ञानिक और बिना सत्यापन वाली बिक्री पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने साफ किया कि जब तक कोई उत्पाद वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित नहीं होता, उसकी बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा, किसानों को भ्रमित करने और जबरन लिक्विड बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. इसके अलावा, नकली खाद और कीटनाशकों की बिक्री पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया गया.

दो दिवसीय रबी कांफ्रेंस 15-16 सितंबर को

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि खरीफ फसल की तैयारी के लिए पहले ही बैठकें हो चुकी हैं, अब रबी फसल की योजना पर ध्यान देना आवश्यक है. इसी उद्देश्य से 15 और 16 सितंबर को दो दिवसीय रबी कांफ्रेंस आयोजित की जाएगी. इस बैठक में कृषि मंत्रियों के साथ-साथ उनके अतिरिक्त मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों को भी आमंत्रित किया गया है. उन्होंने कहा, यह एक गंभीर और परिणामोन्मुखी बैठक होगी, इसमें सभी की भागीदारी जरूरी है.

विकसित कृषि संकल्प अभियान

बैठक में मंत्री ने बताया कि खरीफ की तरह अब रबी फसल के लिए भी विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया जाएगा. यह अभियान 3 अक्टूबर से विजय पर्व के रूप में शुरू होगा और 18 अक्टूबर को धनतेरस के दिन संपन्न होगा. इसका उद्देश्य कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी और वैज्ञानिक समाधान के जरिए समस्याओं का निराकरण करना है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी इस अभियान की सराहना कर चुके हैं, क्योंकि इससे लैब टू लैंड की अवधारणा को बल मिला है.

कृषि पर चिंतन बैठक और मिशनों की निगरानी

बैठक में एक और महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव कृषि पर चिंतन बैठक के रूप में सामने आया. इसमें राज्यों के कृषि मंत्री, FPO प्रतिनिधि, कृषि वैज्ञानिक और नीति-निर्माता शामिल होंगे. चौहान ने कहा कि समस्याएं यदि सामने आ रही हैं, तो उन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता. इस चिंतन बैठक में प्राकृतिक कृषि मिशन, प्रधानमंत्री कृषि धन-धान्य योजना, और दलहन-तिलहन मिशन जैसे अभियानों की प्रगति पर भी विचार किया जाएगा.

किसानों के लिए केंद्र का संकल्प

बैठक के दौरान मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी आह्वान की चर्चा करते हुए कहा कि हमें अपनी जरूरतों के लिए दाल और तेल विदेशों से मंगवाने की मजबूरी नहीं होनी चाहिए. इसके लिए राज्यों को दलहन और तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनना होगा. उन्होंने कहा, कृषि राज्य का विषय जरूर है, पर केंद्र सरकार हरसंभव सहयोग को तैयार है. किसानों को खुशहाल और आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्यों को भी नेतृत्वकारी भूमिका निभानी होगी.

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Published: 14 Aug, 2025 | 06:50 PM

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