बारिश ने किसानों की तोड़ी आर्थिक कमर, 48 हजार एकड़ में कपास की फसल पूरी तरह बर्बाद

हरियाणा के हिसार, सिरसा, फतेहाबाद और भिवानी में भारी बारिश और जलभराव से कपास की फसल बर्बाद हो गई है. कीटों के हमलों के बाद अब पानी से फसल को बड़ा नुकसान हुआ है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 12 Aug, 2025 | 01:51 PM

हरियाणा में हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण खेतों में जलभराव हो गया, जिससे कपास किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. खास कर ‘कॉटन बेल्ट’ माने जाने वाले हिसार, सिरसा, फतेहाबाद और भिवानी जिले में बारिश से कपास की फसल की ज्यादा बर्बादी हुई है. हालांकि, लेकिन पिछले कुछ सालों से लगातार सफेद मक्खी और गुलाबी सुंडी जैसे कीटों के हमलों से भी कपास की फसल को नुकसान पहुंच रहा है. इसकी वजह से धीरे-धीरे यहां कपास की खेती का रकबा भी कम होता जा रहा है. खास बात यह है कि इन जिलो में 48 हजार एकड़ में कपास की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार अच्छी बात यह रही कि कपास पर कीट हमले बहुत कम देखने को मिले, लेकिन किसानों की मुश्किलें खत्म नहीं हुईं. बारिश के बाद इन जिलों के कई इलाकों में भारी जलभराव हो गया, जिससे खेतों में खड़ी कपास की फसल गलने लगी. लंबे समय तक पानी भरे रहने से पौधे मुरझा गए और फसल खराब हो गई.

इन इलाकों में फसल ज्यादा प्रभावित

कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ हिसार जिले में ही करीब 40,000 एकड़ में खड़ी कपास की फसल 2 अगस्त तक जलभराव की वजह से पूरी तरह खराब हो चुकी है. अतिरिक्त बारिश और नालों के ओवरफ्लो होने से हालात और बिगड़ गए हैं, जिससे किसानों की फसल को और ज्यादा नुकसान पहुंचा है. कृषि विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, हिसार जिले के अग्रोहा, आदमपुर, हिसार-1 और बस ब्लॉक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.

113,265 एकड़ में है कपास का रकबा

भिवानी जिले में भी हालात चिंताजनक हैं. यहां कुल 1,13,265 एकड़ में कपास की खेती होती है, जिसमें से 38,000 एकड़ में बारिश का पानी भर गया है. इनमें से 5,400 एकड़ की फसल को 75 से 100 फीसदी तक नुकसान हो चुका है, जबकि बाकी जलभराव वाले क्षेत्रों में भी भारी नुकसान की आशंका है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि कपास की फसल ज्यादा से ज्यादा दो दिन तक ही पानी सहन कर सकती है, उसके बाद पौधे खराब हो जाते हैं. ऐसे में उम्मीद कम है कि डूबी हुई फसल अब बच पाएगी.

2,600 एकड़ में लगी फसल बर्बाद

हिसार के कृषि उपनिदेशक डॉ. राजबीर सिंह ने कहा कि सिंचाई विभाग खेतों से पानी निकालने के लिए दिन-रात काम कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि जिन किसानों की कपास की फसल खराब हो गई है, वे चाहें तो अब देर से धान की बुआई कर सकते हैं. सिरसा जिले में फसल को नुकसान कम हुआ है, क्योंकि ज्यादातर नुकसान नाथुसरी चोपटा इलाके में हुआ है, जहां करीब 2,600 एकड़ फसल खराब हो गई है.

1,47,000 हेक्टेयर में कपास की खेती

ऐसे सिरसा जिले में कुल कपास की खेती का क्षेत्रफल 1,47,000 हेक्टेयर है. वहीं, फतेहाबाद जिले में कपास की खेती लगभग 80,000 एकड़ में होती है, जिसमें से करीब 2,500 एकड़ फसल जलभराव की वजह से खराब हो गई है.

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Published: 12 Aug, 2025 | 01:43 PM

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