ऑस्ट्रेलिया ने हटाया भारतीय झींगा पर लगा प्रतिबंध, आंध्र प्रदेश के किसानों में खुशी की लहर

ऑस्ट्रेलिया ने भारत से झींगा आयात पर प्रतिबंध इसलिए लगाया था क्योंकि पहले भेजे गए कुछ खेपों में व्हाइट स्पॉट वायरस पाया गया था. इस वायरस से झींगा की फसल पर भारी असर पड़ता है और स्थानीय प्रजातियों को भी खतरा रहता है. इसी कारण ऑस्ट्रेलिया ने कई वर्षों तक भारतीय झींगा पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 22 Oct, 2025 | 02:15 PM

Prawns Import Ban: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापारिक रिश्तों में एक बड़ी सकारात्मक खबर आई है. लंबे समय से चले आ रहे भारतीय झींगा (पॉन्स) आयात पर प्रतिबंध को आखिरकार ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने हटा दिया है. इस फैसले से आंध्र प्रदेश के लाखों एक्वा किसानों और समुद्री खाद्य निर्यातकों को बड़ी राहत मिली है.

आंध्र के किसानों को मिली राहत

द स्टेट्समैन की खबर के अनुसार, आंध्र प्रदेश के उद्योग मंत्री नारा लोकेश ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मएक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर यह जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया ने भारत से बिना छीले झींगा (unpeeled prawns) के आयात की अनुमति दे दी है. यह कदम भारतीय समुद्री खाद्य उद्योग के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि पिछले कई वर्षों से इस पर सख्त व्यापारिक रोक लगी हुई थी.

नारा लोकेश ने पोस्ट में लिखा, “भारतीय सीफूड निर्यातकों के लिए एक लंबे समय से चली आ रही बाधा खत्म हुई है. आज भारत से झींगा निर्यात के पहले आयात को ऑस्ट्रेलिया की मंजूरी मिल गई है.”

क्यों लगा था झींगा पर प्रतिबंध

दरअसल, ऑस्ट्रेलिया ने भारत से झींगा आयात पर प्रतिबंध इसलिए लगाया था क्योंकि पहले भेजे गए कुछ खेपों में व्हाइट स्पॉट वायरस पाया गया था. इस वायरस से झींगा की फसल पर भारी असर पड़ता है और स्थानीय प्रजातियों को भी खतरा रहता है. इसी कारण ऑस्ट्रेलिया ने कई वर्षों तक भारतीय झींगा पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी.

इस निर्णय के बाद भारतीय समुद्री उत्पाद निर्यातक, खासकर आंध्र प्रदेश के किसान, गहरे संकट में थे. अमेरिका द्वारा लगाए गए ऊंचे टैरिफ (High Tariff) ने भी उनकी मुश्किलें बढ़ा दी थीं.

नए बाजारों में खुलेंगे अवसर

ऑस्ट्रेलिया की यह मंजूरी भारतीय झींगा उद्योग के लिए नए दरवाजे खोल सकती है. मंत्री नारा लोकेश ने कहा कि भारत को केवल एक या दो बाजारों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. उन्होंने कहा, “हमें नए बाजार खोलने की दिशा में लगातार काम करना होगा ताकि किसी एक देश पर निर्भरता कम की जा सके.”

लोकेश इन दिनों ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं, जहां वे निवेशकों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रहे हैं. वहीं मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से दौरे पर हैं.

गुणवत्ता और निर्यात मानकों पर जोर

ऑस्ट्रेलिया के सीफूड इंडस्ट्री ऑस्ट्रेलिया (Seafood Industry Australia) के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान लोकेश ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया को मिलकर समुद्री उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाने की दिशा में काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आधुनिक कोल्ड चेन सिस्टम, उन्नत पैकेजिंग तकनीक और बायोसेक्योरिटी उपायों से भारतीय उत्पादों की विश्वसनीयता और मांग दोनों बढ़ेंगी.

समुद्री खानपान से जुड़े पर्यटन को बढ़ावा

नारा लोकेश ने सुझाव दिया कि आंध्र प्रदेश के सीफूड व्यंजनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए ‘क्यूलिनरी टूरिज्म’ (Culinary Tourism) की शुरुआत की जा सकती है. इससे न केवल राज्य के किसानों को फायदा होगा, बल्कि पर्यटन और व्यापार दोनों क्षेत्रों को नई दिशा मिलेगी.

भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापारिक रिश्तों में नई ऊर्जा

ऑस्ट्रेलिया का यह कदम भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापारिक संबंधों में विश्वास और सहयोग की नई शुरुआत है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल झींगा निर्यात तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भविष्य में दोनों देशों के बीच कृषि, मत्स्य और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी नए अवसर खुलेंगे.

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