धान खरीद में फर्जीवाड़ा, किसानों के मंडी पहुंचने से पहले ही उनके नाम पर किसी और ने बेच दी उपज

जय किसान आंदोलन के जिला अध्यक्ष सुशील कुमार साहू ने कहा कि खरीदी प्रणाली की विश्वसनीयता दांव पर है. अगर बाहरी राज्यों का धान स्थानीय फसल बताकर खरीदा जा रहा है, तो असली किसानों को नुकसान होगा. प्रशासन को इस पर तुरंत और निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 25 May, 2025 | 12:14 PM

ओडिशा के बरगढ़ जिले में धान खरीद में हेराफेरी हुई है. यहां के बड़पली ब्लॉक के सतलामा गांव के किसानों के नाम पर दूसरे लोगों ने धान बेच दिया. जबकि, पीड़ित किसानों ने अभी तक फसल की कटाई ही नहीं की है. ऐसे में ये किसान मंडी में धान खरीदी प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर विरोध कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि जिन किसानों ने अब तक अपनी फसल की कटाई भी नहीं की है, उनके नाम पर धान बेचा जा चुका है. जिलाधिकारी को दी गई लिखित शिकायत में किसानों ने एक चावल मिल के एजेंट पर फर्जीवाड़े में शामिल होने का आरोप लगाया है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जय किसान आंदोलन के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बताया कि 24 मई तक मंडी के सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, 1,486 क्विंटल धान 26 किसानों से खरीदा गया है, लेकिन इनमें से करीब 20 किसानों ने अब तक एक दाना भी मंडी नहीं पहुंचाया. किसानों को शक है कि यह धान पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ से लाया गया है और फर्जी तरीके से उनके नाम पर बेचा गया है. शिकायत करने वाले किसानों ने आरोप लगाया है कि एक स्थानीय व्यापारी, जो चावल मिलों के लिए एजेंट के रूप में भी काम करता है, इस फर्जी खरीद प्रक्रिया के पीछे हो सकता है.

घटिया गुणवत्ता वाला धान बेचा जा रहा है

किसानों का कहना है कि राज्य के बाहर से सस्ता और घटिया गुणवत्ता वाला धान लाकर स्थानीय किसानों के नाम पर मंडी में बेचा जा रहा है, संभव है कि कुछ किसानों की सहमति या लालच में ऐसा किया जा रहा हो. जय किसान आंदोलन के महासचिव हरा बानिया ने कहा कि हमें शक है कि कुछ एजेंट सिस्टम का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. वे उन किसानों के नाम पर टोकन जारी करवा रहे हैं, जिन्होंने अभी तक अपनी फसल की कटाई भी नहीं की है.

टोकन आवंटन की तुरंत समीक्षा की जाए

आंदोलन के जिला अध्यक्ष सुशील कुमार साहू ने कहा कि खरीदी प्रणाली की विश्वसनीयता दांव पर है. अगर बाहरी राज्यों का धान स्थानीय फसल बताकर खरीदा जा रहा है, तो असली किसानों को नुकसान होगा. प्रशासन को इस पर तुरंत और निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए. किसानों ने यह भी कहा कि धान खरीदी के टोकन तभी जारी किए जाते हैं जब सैटेलाइट से खेत की पुष्टि और राजस्व विभाग की मंजूरी मिल जाती है. ऐसे में उन्होंने मांग की कि टोकन आवंटन की तुरंत समीक्षा की जाए और जिन खेतों से कथित तौर पर धान कटाई दिखाई गई है, उनकी भौतिक जांच कराई जाए.

अधिकारी की मिलीभगत से गड़बड़ी हुई

किसानों ने यह भी कहा कि अगर किसी किसान, बिचौलिए या अधिकारी की मिलीभगत से गड़बड़ी हुई है, तो सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. चूंकि जिला कलेक्टर उपलब्ध नहीं थे, इसलिए किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट मधुचंदा साहू से फोन पर बात कर उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी. उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच के लिए एक टीम भेजी जाएगी और जो भी जरूरी कदम होंगे, वो उठाए जाएंगे.

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Published: 25 May, 2025 | 12:06 PM

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