महाराष्ट्र में बागवानी करने वाले किसानों की बंपर कमाई हो रही है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में आम, अनार, अमरूद, नींबू, सीताफल, नारियल और अंजीर जैसी फसलों की खेती के रकबे में बंपर इजाफा हुआ है. इससे महाराष्ट्र में साल 2024-25 में बागवानी फसलों का रकबा बढ़कर 14 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो 2023-24 में 13.32 लाख हेक्टेयर था. यानी कुल 68,541 हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है. खास बात यह है कि महाराष्ट्र में उगाए जाने वाले फलों की विदेशों में मांग बढ़ी है. अनार और केला जैसे फल गल्फ व अमेरिका को निर्यात हो रहे हैं. जबकि राज्य सरकार किसानों की कमाई और फलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है. इससे किसान पारंपरिक खेती छोड़कर बागवानी की तरफ रूख कर रहे हैं.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024-25 में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा फ्रूट प्लांटेशन नासिक डिवीजन में हुआ, जहां 5,141 हेक्टेयर में फल लगाए गए. इसके बाद अमरावती में 5,088 हेक्टेयर और पुणे में 4,287 हेक्टेयर प्लांटेशन हुआ. एक अधिकारी ने कहा कि राज्यभर के 27,292 किसानों को सरकार की भाऊसाहेब फुंडकर फलबाग लगवड़ योजना के तहत 9,891 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी गई. पुणे के जिला कृषि अधिकारी संजय काचोले ने कहा कि कई किसानों ने पिछले कुछ वर्षों में लाखों रुपये का मुनाफा कमाया है, क्योंकि उन्होंने केला, अनार और अंगूर जैसे फलों को गल्फ और यूरोपीय देशों में निर्यात किया है.
14 टन अनार न्यूयॉर्क भेजा गया
अप्रैल में पहली बार अहिल्यानगर जिले से लगभग 14 टन अनार समुद्री रास्ते से न्यूयॉर्क भेजा गया. अब तक अनार का निर्यात मुख्य रूप से हवाई मार्ग से होता था, लेकिन हाल ही में ज्यादा सस्ता और टिकाऊ विकल्प होने के कारण समुद्री मार्ग से भेजा गया. 2023 में जब अमेरिका ने भारत को अनार के लिए मार्केट एक्सेस दी, तब से यह बदलाव शुरू हुआ. इसके बाद APEDA, अमेरिकी कृषि विभाग, NPPO-India और अनार अनुसंधान केंद्र, सोलापुर के सहयोग से यह समुद्री ट्रायल शिपमेंट सफलतापूर्वक किया गया.
गल्फ देशों में केला निर्यात
एक कृषि अधिकारी ने कहा कि इन प्रयासों से किसानों को विदेशी बाजारों में अपने फल बेहतर दामों पर बेचने का मौका मिल रहा है. इसी कारण अब महाराष्ट्र में फल खेती की ओर किसानों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है. इस साल सोलापुर के कई किसानों ने केला गल्फ देशों को निर्यात किया है. एक अधिकारी ने कहा कि अब प्राइवेट एजेंसियां भी कृषि निर्यात के क्षेत्र में सक्रिय हो गई हैं और राज्यभर के किसानों से जुड़ रही हैं. राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि जिलों में विशेष एग्री एक्सपोर्ट क्लस्टर बनाए जाएंगे. अधिकारी ने कहा कि हमने आम, अंगूर, अनार और संतरे के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पांच एक्सपोर्ट क्लस्टर बनाने का फैसला किया है.