केमिकल फ्री खेती और उपज बढ़ाने का तरीका सिखाएंगे वैज्ञानिक, गोपालन की ताकत जानेंगे किसान

मध्य प्रदेश के बसामन मामा गो अभयारण्य में इस बार 25 दिसंबर को प्राकृतिक खेती पर बड़ा सम्मेलन होगा. मध्यप्रदेश सरकार इसे विंध्य क्षेत्र में रसायन मुक्त खेती की नई शुरुआत मान रही है. यहां हजारों गौवंश के कारण प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा. कार्यक्रम में किसान, विशेषज्ञ और अधिकारी मिलकर खेती के नए रास्ते पर चर्चा करेंगे.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 1 Dec, 2025 | 02:32 PM

Madhya Pradesh News : पहाड़ों की शांत वादियों में बसे बसामन मामा गो अभयारण्य में इस बार दिसंबर की सर्दी कुछ खास लेकर आ रही है. यहां पहली बार प्राकृतिक खेती के लिए एक बड़ा सम्मेलन होने जा रहा है. जहां गौपलन की ताकत और बिना रसायन वाली खेती के भविष्य पर चर्चा होगी. मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल खुद यहां का दौरा कर चुके हैं और कहा है कि विंध्य में प्राकृतिक खेती की नई शुरुआत यहीं से होगी.

प्राकृतिक खेती का केंद्र बनेगा बसामन मामा गो अभयारण्य

उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने अपने निरीक्षण के दौरान बताया कि बसामन मामा गो अभयारण्य के आसपास का पूरा क्षेत्र आगे आने वाले समय में प्राकृतिक खेती  का मजबूत केन्द्र बनेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती तभी सफल हो सकती है, जब गौपालन मजबूत हो और अभयारण्य इसका सबसे बड़ा आधार है. यहां 8 हजार से ज्यादा निराश्रित गौवंशों को आश्रय मिला है, जिनसे मिलने वाला गोबर और गोमूत्र प्राकृतिक खाद और जैविक खेती के लिए अमूल्य है. उन्होंने कहा कि यदि आसपास के किसान रासायनिक खाद छोड़कर गोबर-गोमूत्र आधारित खेती अपनाएं तो पूरा क्षेत्र पूरी तरह प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ सकता है.

अटल जी के जन्मदिन पर होगा प्राकृतिक खेती सम्मेलन

25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन गो-अभयारण्य में खास तरीके से मनाया जाएगा. इस दिन यहां एक बड़ा प्राकृतिक खेती सम्मेलन आयोजित होगा. इसमें कृषि वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसान हिस्सा लेंगे. सम्मेलन का उद्देश्य है-

  • किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीक समझाना.
  • रासायनिक खाद से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करना.
  • प्राकृतिक खेती को बड़े स्तर पर बढ़ावा देना.
  • उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन पूरे क्षेत्र में प्राकृतिक खेती के विकास को नई गति देगा.

गौशाला में हो रहा विकास, महिला समूहों को भी बढ़ावा

अभयारण्य में केवल गौवंश की देखभाल ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक खेती, जैविक उत्पादन, दुधारु नस्ल सुधार  और महिला स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. यहां महिलाओं को गोबर-गोमूत्र आधारित उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी. शुक्ल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गौशाला की व्यवस्थाएं और बेहतर हों तथा हर कार्य को समय पर पूरा किया जाए.

25 दिसंबर के लिए कार्यक्रम की तैयारियां तेज

उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि 25 दिसंबर के बड़े आयोजन से पहले सभी तैयारियां समय पर पूरी होनी चाहिए. उन्होंने नए भोजनशाला का काम जल्द पूरा करने और अभयारण्य में बिजली बिना किसी रुकावट की सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. इसके अलावा कार्यक्रम स्थल की साफ-सफाई, बैठने की व्यवस्था और किसानों के लिए सुविधाओं  की भी समीक्षा की गई.

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Published: 1 Dec, 2025 | 02:32 PM

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