दुधारू पशु खरीदने से पहले जान लें ये 4 टिप्स, ठगे नहीं जाएंगे.. खूब मिलेगा दूध

कोई भी किसान दुधारू पशु इसलिए खरीदना चाहते हैं ताकि उनसे अच्छा दूध उत्पादन हो सके. इसलिए पशुओं को खरीदते समय सही नस्ल का चुनाव करना बेहद जरूरी होता है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 4 Sep, 2025 | 07:52 PM

भारत में आज भी ग्रामीण इलाकों में रहने वाला ज्यादातर हिस्सा अपनी आजीविका के लिए खेती और पशुपालन पर निर्भर रहता है. ऐसे में अगर आप पशुपालन करना चाहते हैं या फिर दूध उत्पादन के लिए दुधारू पशुओं को खरीदना चाहते हैं तो आपको कुछ सावधानियां बरतनी होंगी. कई बार लोग जल्दबाजी या जानकारी की कमी के कारण ऐसे पशु खरीद लेते हैं जो कुछ ही दिनों में दूध देना बंद कर देते हैं या बीमार निकलते हैं. ऐसे में लोगों के लिए बेहद जरूरी होता है कि वे दुधारू पशुओं को खरीदने से पहले कुछ बातों की जांच जरूर कर लें. बिहार पशु निदेशालय ने कुछ टिप्स दिए हैं जिनके इस्तेमाल से आप गलत पशु को खरीदने से बच पाएंगे.

पशु की सेहत की जांच करें

दुधारु पशुओं को खरीदने से पहले लोगों के लिए जरूरी है कि वे पशु की सेहत की अच्छे से जांच कर लें. वे ये जांच लें कि पशु को किसी भी तरह की बीमारी न हो. उनके शरीर पर किसी तरह के घाव या फोड़े न हों. साथ ही देखें कि उन्की नाक से पानी बहना, पैरों में सूजन या सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण न हों, क्योंकि ये पशुओं को होने वाली खतरनाक बीमारियों के संकेत हो सकते हैं. जांच लें कि पशु में चुस्ती है या नहीं , साथ ही पशु को खांसी या लंगड़ापन नहहं है.

दूध उत्पादन की क्षमता

बिहार पशु निदेशालय के अनुसार, कई विक्रेता पशु को हार्मोनल इंजेक्शन देकर दूध की मात्रा बढ़ा देते हैं जो कुछ ही दिनों में बंद हो जाती है. ऐसे में पशु के दूध उकत्पादन की क्षमता देखना बहुत जरूरी है. पशुओं की दूध उत्पादन की क्षमता जानने के लिए जांच करें कि पशु का थन अच्छे से विकसित हो और नंसें उभरी हुई हों. साथ ही ये भी देखें कि थन में किसी भी तरह की गांठ, चोट या सूजन न हो. इसके अलावा कम से कम 2 से 3 दिन तक खुद दूध निकालकर उसकी सही मात्रा जांचें.

सही नस्ल का चुनाव

कोई भी किसान दुधारू पशु इसलिए खरीदना चाहते हैं ताकि उनसे अच्छा दूध उत्पादन हो सके. इसलिए पशुओं को खरीदते समय सही नस्ल का चुनाव करना बेहद जरूरी होता है. ऐसे इसलिए जरूरी है क्योंकि गलत नस्ल चुनने से दूध उत्पादन कम हो सकता है. इस कारण से पशुपालकों की आमदनी भी कम हो जाती है. जबकि अगर पशु खरीदते समय सही नस्ल का चुनाव किया जाए तो न केवल दूध उत्पादन ज्यादा होता है बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी ये अच्छी होती हैं और लंबे समय तक उत्पादन देती हैं.

प्रमाणित संस्थानों से ही खरीदें

अगर आप भरोसेमंद और प्रमाणित संस्थान से दुधारू पशुओं की खरीद करते हैं तो आप ठगी, बीमार पशु या कम दूध देने वाली नस्ल को खरीदने से बच जाते हैं. साथ ही प्रमाणित जगह से पशुओं का खरीद करते हैं तो आपको पशु का स्वास्थ्य रिकॉर्ड, नस्ल की पुष्टि और टीकाकरण की जानकारी मिलती है. बता दें कि, सरकारी पशुपालन विभाग, प्रमाणित डेयरी फार्म या सहकारी समितियां ऐसी जगह हैं जहां से आप सही नस्ल और अच्छा दूध उत्पादन वाले पशुओं को खरीद सकते हैं.

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