Paddy Insects: अगर आपके भी धान के खेत में काले कीड़े (करिन्चाझी) असर देखने को मिल रहा है, तो सावधान हो जाएं, नहीं तो पौधों को नुकसान पहुंच सकता है. क्योंकि केरल सेंटर फॉर पेस्ट मैनेजमेंट (KCPM) ने अलाप्पुझा जिले के धान के खेतों में काले कीड़े (करिन्चाझी) के प्रकोप को लेकर अलर्ट जारी किया है. अधिकारियों के मुताबिक, पन्नाप्रा, नेडुमुडी, कैनाकरी और चंपाकुलम क्षेत्रों में इस कीट की पुष्टि हुई है. इससे धान की फसल मुरझा रही है.
द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, KCPM का कहना है कि यह कीड़ा पौधों का रस चूसता है, जिससे फसल को नुकसान हो सकता है. यह आमतौर पर पत्तियों पर पाया जाता है, लेकिन कभी-कभी मिट्टी या पौधे के तने के पास भी दिखता है. यह कीड़ा पत्तियों और बीच की नसों (मिडरिब) को नुकसान पहुंचाता है, जिससे पत्तियां फट सकती हैं और नसें मुरझा सकती हैं. इन कीड़ों द्वारा किए गए घावों से पत्तियों में झुलसा रोग फैलाने वाले बैक्टीरिया भी फैल सकते हैं. अगर प्रकोप ज्यादा हो जाए, तो पौधों की बढ़त रुक सकती है, पत्तियां पीली पड़ सकती हैं और पौधों की नसें सूख सकती हैं.
खेतों में पानी भरना एक असरदार तरीका
अधिकारियों का कहना है कि कीड़ों को खत्म करने के लिए खेतों में पानी भरना एक असरदार तरीका हो सकता है. अगर खेत में इतना पानी भर दिया जाए कि पौधों का निचला हिस्सा डूब जाए, तो कीड़े ऊपर की तरफ चढ़ने लगते हैं. इससे वे नीचे के हिस्से से रस नहीं चूस पाते. साथ ही, अगर पौधों की निचली पत्तियां 6 घंटे से ज्यादा समय तक पानी में डूबी रहें, तो उन पर दिए गए अंडों के गुच्छे नष्ट हो जाते हैं. वहीं, ऊपर चढ़े कीड़ों को चिड़ियां और अन्य प्राकृतिक शिकारी खा लेते हैं. साथ ही कछुआ बीटल जैसे कीट भी इन अंडों को खाकर नष्ट कर देते हैं.
दवा का इस तरह करें इस्तेमाल
अधिकारियों ने कहा कि पूर्णिमा के बाद कुछ दिनों में इन कीड़ों की संख्या तेजी से बढ़ती है. अगर किसी खेत में कीड़ों की संख्या बहुत ज्यादा हो जाए और धान के पौधों पर नुकसान के लक्षण दिखें, तो कीटनाशक का इस्तेमाल तकनीकी सलाह के अनुसार किया जा सकता है. जैविक खेती करने वाले खेतों में कीट नियंत्रण के लिए अजाडिरैक्टिन 1500 PPM को एक एकड़ में 1 लीटर की दर से छिड़काव किया जा सकता है. इसके अलावा मेटाराइज़ियम और ब्युवेरिया जैसे बायोकंट्रोल एजेंट्स से भी कीड़ों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है.
दानेदार कीटनाशकों का करें प्रयोग
साथ ही अधिकारियों ने कहा है कि अगर कीटनाशकों का इस्तेमाल जरूरी हो, तो किसान दानेदार (ग्रेन्युलर) कीटनाशकों का उपयोग कर सकते हैं. इन्हें रासायनिक खाद के साथ मिलाकर खेत में डाला जा सकता है. बेहतर असर के लिए यह जरूरी है कि कीटनाशक डालते समय मिट्टी में पर्याप्त नमी बनी रहे.