प्याज की फसल को बर्बाद करता है ओनियन मैगट, बारिश के मौसम में जरूरी है इसकी रोकथाम

प्याज की फसल को ओनियन मैगट से बचाने के लिए बेहद जरूरी है कि किसान बीज बुवाई से पहले खेत की अच्छे से गहरी जुताई कर लें ताकि खरपतवार नष्ट हो सकें.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 18 Jul, 2025 | 06:00 AM

प्याज भारतीय रसोई का एक अभिन्न हिस्सा है. बाजार में प्याज की मांग सालभर बनी रहती है जिसके कारण किसान बड़े पैमाने पर इसकी खेती करते हैं. प्याज की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित होती है क्योंकि अगर सही ढंग से इसकी खेती की जाए तो इससे अच्छा उत्पादन मिलने के साथ -साथ कमाई भी अच्छी होती है. प्याज की खेती खरीफ सीजन में शुरु होती है यानी किसान जून से लेकर अक्टूबर तक इसकी खेती करते हैं. ऐसे में बरसात के दिनों में प्याज पर ओनियन मैगट (Onion Maggot) का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे समय रहते अपनी फसल को इस कीट से बचाने के उपाय करें.

ओनियन मैगट के लक्षण

ओनियन मैगट का लार्वा अंकुरित बीजों पर हमला करता है जिससे बीज सड़ जाते हैं और पौधों खराब हो जाते हैं. इसका लार्वा पौधों की जड़ों पर आक्रमण करता है जिसके कारण पौधा पीला पड़ने लगता है और बाद में मुरझा जाता है. लार्वा के कारण पौधों में गड्ढे पड़ने लगते हैं जिसके कारण पौधा झड़ने लगता है , आगे चलकर पौधा कमजोर होकर आसानी से टूट जाता है. प्याज के जौ पौधे बड़े हो जाते हैं उनपर ओनियम मैगट जड़ों में छेद हो जाता है जिसके कारण पौधा सड़ने लगता है.

ऐसे करें फसल का बचाव

प्याज की फसल को ओनियन मैगट से बचाने के लिए बेहद जरूरी है कि किसान बीज बुवाई से पहले खेत की अच्छे से गहरी जुताई कर लें ताकि खरपतवार नष्ट हो सकें. खेत में बोई गई पुरानी फसल के अवशेष हैं तो उन्हें जला दें और प्याज के पौधों में जो भी संक्रमित हिस्सा हो उसे तुरंत हटाकर अलग कर दें. ध्यान रहे कि प्याज की खेती के लिए सूखी और हल्की मिट्टी ही लें क्योंकि गीली मिट्टी में कीटों के बढ़ने का खतरा रहता है. किसानों को सलाह है कि बीजों की बुवाई से पहले मिट्टी में जरूरी खाद और कीटनाशक जरूर मिलाएं ताकि बीज कीट से लड़ने में सक्षम हो सकें.

किसान इन बातों का रखें ध्यान

कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किसान जब भी प्याज की फसल लगाएं तो उसकी सही से देखभाल करें. बुवाई से पहले बीजों का अच्छे से उपचार करें और फसल को जरूरी और सही मात्रा में खाद और पोषण दें ताकि पौधे में रोगों और कीटों से लड़ने की क्षमता का विकास हो सके. इसके साथ ही समय-समय पर फसल की निगरानी करना बहुत जरूरी है ताकि कीटों के संक्रमण के शुरुआती दौर में ही फसल की सुरक्षा की जा सके. इसके अलावा फसल पर नियमित अंतराल पर जरूरत के हिसाब से कीटनाशकों का छिड़काव जरूर करते रहें.

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Published: 18 Jul, 2025 | 06:00 AM

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