गौशाला में पानी भरा तो संकट बढ़ा! गायों को बचाने के लिए सरकार ने बताए ये जरूरी नियम

राजस्थान के अजमेर जिले में भारी बारिश के बाद कई गौशालाओं में पानी भर गया है, जिससे गायों की सेहत पर असर पड़ा है. हालात को देखते हुए राजस्थान गौ सेवा आयोग और पशुपालन विभाग ने मिलकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि गायों को संक्रमण से बचाया जा सके.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 22 Jul, 2025 | 03:43 PM

बारिश राहत लाती है, लेकिन जब पानी जरूरत से ज़्यादा हो जाए तो वही राहत संकट बन जाती है. कुछ ऐसा ही हाल राजस्थान की कई गौशालाओं का है, जहां भारी बारिश के चलते पानी भर गया है. इसके चलते गौवंश बीमार होने लगे हैं और मौत का खतरा बढ़ गया है. इस हालात से निपटने के लिए राजस्थान सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि बारिश के मौसम में गायों की जान को बचाया जा सके.

बारिश के बाद गौशालाओं में नमी और गंदगी

दरअसल, राजस्थान के अजमेर जिले में भारी बारिश के कारण कई गौशालाओं में पानी भर गया है, जिससे गायों की सेहत पर बुरा असर पड़ा है. राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग के मुताबिक, लगातार बनी नमी और गंदगी की वजह से बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है. इसी को देखते हुए राजस्थान गौ सेवा आयोग और पशुपालन विभाग ने मिलकर जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील घीया के अनुसार, ज्यादा नमी से गायों की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है. ऐसे में गलघोंटू, खुरपका-मुंहपका, लंगड़ा बुखार, लम्पी स्किन रोग और दस्त जैसी बीमारियां तेजी से फैल सकती हैं. इसलिए समय पर टीकाकरण कराना बहुत जरूरी है.

मक्खी, मच्छर और चीचड़ से कैसे बचाएं गौवंश?

बारिश के मौसम  में गंदगी बढ़ जाती है, जिससे चीचड़, मक्खी, मच्छर और जुंए जैसी बाहरी परजीवियों का हमला हो सकता है. ये भी कई बीमारियों को जन्म देते हैं. ऐसे में इससे बचने के लिए गौशाला को ऊंचे और सूखे स्थान पर रखना चाहिए. इसके अलावा नीम के पत्तों का धुआं और कीटनाशक स्प्रे फायदेमंद हो सकते हैं. इतना ही नहीं गायों को रोज साफ पानी से नहलाना और थनों की सफाई भी जरूरी है, ताकि थनेला जैसी बीमारी से बचाव हो सके. अगर किसी गाय को घाव हो जाए तो उस पर तुरंत एंटीबायोटिक स्प्रे लगाना चाहिए, ताकि कीड़े न पड़ें और घाव जल्दी सूख जाए.

साफ-सफाई से ही होगा बचाव

डॉ. सुनील घीया के अनुसार, गायों को संतुलित आहार देना चाहिए. उनके खाने में हरा चारा, सूखा चारा, मिनरल मिक्सर और नमक जरूर होना चाहिए. इसके अलावा गर्भवती गायों का खास ध्यान रखना चाहिए और उनके लिए सूखे स्थान पर चारा स्टोर करके रखें, ताकि फफूंद से बचाव हो सके. यही नहीं बीमार गाय को तुरंत अन्य गायों से अलग कर देना चाहिए और नजदीकी पशु चिकित्सक से इलाज करवाना चाहिए. इस मौसम में सांप काटने के मामले भी बढ़ सकते हैं, इसलिए सावधानी जरूरी है.

चारा, इलाज और पानी की व्यवस्था कैसे करें?

गायों को हरा चारा, सूखा चारा, मिनरल मिक्सर और नमक देना चाहिए. इसके अलावा बारिश में चारे को सूखी जगह पर स्टोर करें ताकि उसमें फफूंद न लगे. इतना ही नहीं बीमार गाय को बाकी गायों से अलग रखें और पशु डॉक्टर से तुरंत इलाज कराएं. राजस्थान सरकार ने लोगों से अपील की है कि अपने घर के पास पानी की खेली बनाएं ताकि गायों को साफ पानी मिल सके. साथ ही मृत गायों का जल्द और सम्मानजनक निस्तारण करें ताकि संक्रमण न फैले.

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Published: 22 Jul, 2025 | 03:42 PM

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