अब आवारा मवेशी फसलों को नहीं कर पाएंगे बर्बाद, किसान बचाव के लिए करें ये उपाय

आवारा मवेशियों से खेतों का बचाव करने के लिए किसान सामूहिक तरीके अपना सकते हैं. यानी गांव में रहने वाले सभी लोग मिलकर गांव में एक गौशाला का निर्माण करवा सकते हैं, ताकि गांव और खेतों में घूमने वाले आवारा पशु गौशाला में रह सके.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 12 Jul, 2025 | 03:40 PM

किसान अपने खेतों में फसलों की सुरक्षा करने के कई इंतजाम करते हैं. लेकिन कई बार आवारा मवेशी खेतों में घुसकर उनकी फसलों को खराब या फिर पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं. ऐसे में न केवल फसल की बर्बादी होती है, बल्कि किसानों को भी भारी नुकसान उठान पड़त है. इसके कारण उनके सामने बहुत बड़ा आर्थिक संकट आ जाता है. ऐसे में किसान आवारा मवेशियों से अपनी फसलों की सुरक्षा करने के लिए कुछ उपाय अपना सकते हैं.

खेत के चारों तरफ कंटीली तार लगवाएं

आवारा मवेशियों से खेतों की सुरक्षा के लिए किसान खेत के चारों ओर कंटीली तारों की घेराबंदी कर सकते हैं, जिससे जानवर खेतों में न घुस सकें. किसान चाहें तो सोलर पावर की मदद से भी तार लगवा सकते हैं, जिनमें हल्की बिजली होती है. ये बिजली वाली तारें जानवरों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाती हैं, बल्कि उन्हें डराकर भगाने में मदद करती हैं.

गांव में गौशाला का निर्माण

आवारा मवेशियों से खेतों का बचाव करने के लिए किसान सामूहिक तरीके अपना सकते है. यानी गांव में रहने वाले सभी लोग मिलकर गांव में एक गौशाला का निर्माण करवा सकते हैं. ताकि गांव और खेतों में घूमने वाले छुट्टे पशु गौशाला में रह सकें. इस तरह से पशुओं को रहने के लिए जगह मिल जाएगी और किसानों को अपने खेतों में पशुओं के घुसने का खतरा भी नहीं रहेगा. क्योकि गौशाला का निर्माण सब मिलकर कराएंगे. इसलिए गौशाला बनवाने में किसी एक किसान पर आर्थिक बोझ नहीं आएगा.  इसके अलावा गांव के सभी किसान मिलकर गांव की घेराबंदी करवा सकते हैं, ताकि कम लागत में गांव की सुरक्षा भी बढ़ सके.

तकनीक का करें इस्तेमाल

आज के समय में जब सबकुछ आधुनिक हो रहा है तो किसान भी खेती में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गांव में रहने वाले कुछ आधुनिक किसान अपने खेतों के लिए सीसीटीवी (CCTV)  कैमरा और सेंसिंग अलार्म सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं. सेंसर की मदद से किसानों के मोबाइल पर पशुओं के खेतों में घुसने की सूचना आ जाती है. सूचना मिलते ही किसान इन पशुओं से खेतों की सुरक्षा के इंतजाम कर सकते हैं.

प्रशासन से मांगी मदद

किसानों को अपने खेतों में फेंसिंग यानी तारबंदी के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी भी मुहैया कराई जाती है. सरकार द्व्रारा जी जा रही सब्सिडी की मदद से किसान अपने खेतो की तारहबंदी करा सकते हैं. इसके साथ ही किसान अपने जिले या गांव के प्रशासन से भी मदद मांग सकते हैं. ताकि प्रशासन इन छुट्टे पशुओं को किसी सुरक्षित स्थान पर भेज सकें.

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Published: 12 Jul, 2025 | 03:39 PM

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