मेरठ की मिट्टी में आज एक नई उम्मीद ने जन्म लिया है. जब देश के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में ‘कृषि तकनीकी नवाचार केंद्र’ का शुभारंभ किया, तो यह सिर्फ एक इमारत का उद्घाटन नहीं था, बल्कि यह किसानों के भविष्य को आधुनिकता से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम था.
यह नवाचार केंद्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रोपड़ के सहयोग से तैयार किया गया है. इस मौके पर मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने घोषणा की कि आने वाले समय में इस केंद्र के साथ एक कौशल विकास केंद्र भी स्थापित किया जाएगा, जहां युवाओं को नई कृषि तकनीकों और डिजिटल नवाचारों का प्रशिक्षण मिलेगा.
किसानों की आय बढ़ाने का आधुनिक तरीका
मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्पष्ट कहा कि अब समय आ गया है कि भारतीय किसान भी डिजिटल तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे आधुनिक टूल्स से जुड़ें. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन के तहत अब किसानों को भी टेक्नोलॉजी का लाभ देना जरूरी हो गया है. AI जैसी अत्याधुनिक तकनीक अब सिर्फ शहरों की नहीं, गांव के खेतों की भी जरूरत है.
इस केंद्र के माध्यम से रोपड़ आईआईटी ने एग्रीकल्चर के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन AI की नींव रखी है. इस तकनीक का उद्देश्य है फसल की बेहतर निगरानी, मौसम की सटीक जानकारी, कीट प्रबंधन और उपज का सही मूल्य दिलवाना.
बनेगा तकनीकी एग्रीकल्चर चैंपियन
इस कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत चौधरी ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि यह केंद्र छात्रों को लैब में तैयार होने वाले नए आविष्कारों को सीधे खेत तक पहुंचाने में मदद करेगा. अगर किसान तक नई तकनीक पहुंचानी है, तो पहले युवाओं को इसे समझना और अपनाना होगा.
जयंत चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले बीएससी एग्रीकल्चर के छात्र आने वाले समय में गांवों में किसानों के सबसे बड़े मददगार बनेंगे. यही छात्र तकनीक की सही समझ लेकर किसान को सिखा सकेंगे कि कैसे खेती को फायदे का सौदा बनाया जाए.
क्यों खास है यह नवाचार केंद्र?
- यहां किसानों को डिजिटल खेती, AI, सैटेलाइट डेटा और स्मार्ट सेंसर से जुड़ी जानकारी दी जाएगी.
- कृषि वैज्ञानिक, छात्रों और किसानों को एक मंच पर लाकर नए समाधान खोजे जाएंगे.
- आने वाले समय में इनोवेशन से खेत, किसान और किसानी- तीनों का कायाकल्प होगा.