भयंकर मॉनसूनी बारिश से नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. हिमाचल से लेकर यूपी-बिहार तक 1100 से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं. जबकि, हिमाचल में बागवानी फसलों को और बिहार, यूपी में खरीफ सीजन की फसलें पानी में डूब गई हैं. यूपी में गंगा नदीं में कुछ जगहों पर तराई के इलाकों के गांवों में किसानों के मवेशी भी बाढ़ की भेंट चढ़ गए हैं. हिमाचल सरकार ने कहा कि है बारिश और भूस्खलन के चलते अब तक 500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा प्रभावित धरमपुर उपखंड के स्याठी गांव का दौरा किया.
11 नदियों का जलस्तर बढ़ने पर बाढ़ की चेतावनी
बारिश के चलते गंगा से लेकर लगभग सभी छोटी-बड़ी नदियां उफनाई हुई हैं. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने बुधवार को कहा कि भारत भर में 11 नदी निगरानी स्टेशनों पर जल स्तर चेतावनी के स्तर को पार कर गया है, लेकिन कोई भी खतरे या अत्यधिक बाढ़ की सीमा तक नहीं पहुंचा है. यह चेतावनी केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा जारी आयोग के दैनिक बाढ़ बुलेटिन का हिस्सा है. बुलेटिन से संकेत मिलता है कि वर्तमान में “गंभीर” या “अत्यधिक” बाढ़ की स्थिति श्रेणियों में कोई भी साइट नहीं है, जिसका अर्थ है कि कोई भी स्थान अपने खतरे के निशान या उच्चतम ऐतिहासिक बाढ़ के स्तर तक नहीं पहुंचा है या उससे आगे नहीं बढ़ा है.
हिमाचल में बारिश-भूस्खलन से 10 की मौत 34 लोग लापता
हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सोमवार की रात हुई मानसून की भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है. मंडी जिला में कई जगह बादल फटने की घटनाओं में जान-माल की भारी क्षति हुई है. जिला उपायुक्त अपूर्व देवगन ने आकाशवाणी से बातचीत में बताया कि इन घटनाओं में अब तक 10 लोगों की मृत्यु हुई है जबकि 34 लोग लापता हैं, जिन्हें ढूंढने के प्रयास जारी हैं. उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य तेजी से जारी है.
आपदा से 500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान
मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर बादल फटने व बाढ़ की घटनाओं में हुए जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख जताते हुए संबंधित जिला प्रशासन को प्रभावितों की हर संभव सहायता के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभिक आंकलन के अनुसार इस आपदा से राज्य को अब तक 500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है. उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि ख़राब मौसम को देखते हुए पूरी सावधानी बरतें और प्रशासन की एडवायजरी का पालन करें.
#WATCH | Mandi | Himachal Pradesh CM Sukhvinder Singh Sukhu says, “There has been immense damage here. 61 people whose houses were swept away in this landslide are all safe and have been accommodated in relief camps. It is necessary to investigate the reasons behind the sliding… https://t.co/Sbybb4KjjV pic.twitter.com/w4NejJCNxh
— ANI (@ANI) July 2, 2025
मंडी जिले में 8 बार बादल फटा
सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में बहुत नुकसान हुआ है, पिछली रात मंडी में तकरीबन आठ के करीब बादल फटे हैं. धरमपुर उपखंड के स्याठी गांव सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा यहां बेहद नुकसान हुआ है. 61 लोग जिनके घर इस भूस्खलन में बह गए, वे सब सुरक्षित हैं और उन्हें राहत कैंप में ठहराया गया है. राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकतर भागों में आज बादल छाए हुए हैं. मौसम विभाग ने आज व कल कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. विभाग के अनुसार सात जुलाई तक प्रदेश में मौसम के खराब रहने की संभावना है.
यूपी के इन इलाकों में बाढ़ से फसलें डूबीं
यूपी के गोंडा में भारी बारिश लोगों को नुकसान हुआ है. सरयू और घाघरा में बाढ़ से फसलें डूब गई हैं तो कुछ गांवों के किसानों ने कहा कि उनके मवेशी बह गए हैं. गोंडा की DM नेहा शर्मा ने एएनआई को बताया कि सरयू घाघरा से हमारी दो तहसीलें प्रभावित हैं, नदी किनारे के गांव प्रभावित हैं. हमने वहां अलर्ट जारी कर दिया है क्योंकि नदी का जलस्तर बढ़ रहा है और भारी बारिश से स्थिति और खराब हो सकती है। ऐसे में मॉक ड्रिल की गई, सभी बाढ़ चौकियां अलर्ट पर हैं और हम सभी स्थितियों का आकलन कर रहे हैं. अगर बाढ़ की स्थिति बनती है तो हम समय रहते उससे निपट में सक्षम हैं. वहीं, यूपी के शाहजहांपुर में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ की स्थिति बन गई है. वहीं, बिहार और पूर्वांचल के हिस्सों में नदियों में बाढ़ की स्थिति देखी गई है.