खेती करने में किसानों को आर्थिक मार का सामना न करना पड़े और कम लागत में भी अच्छी पैदावार मिले, इसके लिए सराकर किसानों को नई तरह की तकनीकों के इस्तेमाल से खेती करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं. खेती में तकनीक की इस्तेमाल करने से न केवल पैदावार अच्छी होती है बल्कि किसानों की लागत में भी कमी आती है. ऐसी ही एक तकनीक का इस्तेमाल कर फतेहपुर के किसान धान की खेती कर रहे हैं. दरअसल, फतेहपुर में किसान धान की खेती DSR यानी डायरेक्ट सीडेड राइस तकनीक से कर रहे हैं. इस तकनीक की मदद से किसान पानी और लागत दोनों को कम कर पा रहे हैं. इस तकनीक से धान की खेती करने पर उत्तर प्रदेश सरकार किसानों तो वित्तीय सहायता भी दे रही है.
8200 रुपये दे रही सरकार
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के उप निदेशक सत्येंद्र सिंह ने बताया कि इस विधि से धान की खेती करने पर यूपी सरकार किसानों को 8200 रुपये की वित्तीय सहायता दे रही है और साथ ही किसानों को DSR विधि से धान की खेती करने के लिए बढ़ावा भी दे रही है. उन्होंने बताया कि इस विधि के इस्तेमाल से किसान कम पानी और कम लागत में धान की खेती बेहतर तरीके से कर पा रहे हैं. किसानों का भी कहना है कि DSR विधि से खेती करने पर उनका मुनाफा कमा रहे हैं.
कानपुर के किसान DSR विधि से कर रहे बुवाई
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार कानपुर जिले के पारा बिधनू क्षेत्र के सेन पश्चिम गांव में DSR विधि से किसान धान की सीधी बुवाई कर रहे हैं. कृषि विभाग के उप निदेशक सत्येंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश के अन्य किसानों को भी DSR विधि को अपनाकर धान की सीधी बुवाई करनी चाहिए. जिससे किसानों की मेहनत के साथ-साथ पानी की लागत भी कम होगी और धान की फसल से उत्पादन भी अच्छा मिलेगा.
सरकार दे रही बढ़ावा
DSR विधि से धान की बुवाई करने के लिए यूपी सरकार भी किसानों को बढ़ावा देती है. बता दें कि इस विधि से धान की बुवाई के लिए किसानों को DSR मशीन की जरूरत होती है. यूपी सरकार किसानों को DSR मशीन की खरीद पर 50 फीसदी की सब्सिडी भी दे रही है ताकि किसान आसानी से इस विधि से धान की बुवाई कर सकें. इस नई विधि से किसानों को खेती के काम में भी आसानी होगी, समय बचेगा और फसल की पैदावार में भी सुधार होगा.