Buffalo Breed : खेती के साथ अगर कोई काम किसानों की आमदनी को तेजी से बढ़ा सकता है, तो वह है डेयरी फार्मिंग. गांवों में आज भी पशुपालन कमाई का मजबूत सहारा है. खासकर भैंस पालन, क्योंकि भैंस का दूध ज्यादा फैट वाला होता है और बाजार में इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है. अब डेयरी किसानों के बीच नागपुरी भैंस की नस्ल चर्चा में है, जो कम मेहनत में ज्यादा दूध देकर मुनाफा बढ़ा रही है. यही वजह है कि किसान तेजी से इस नस्ल की ओर रुख कर रहे हैं.
डेयरी फार्मिंग में क्यों खास है ये भैंस
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में भैंसों की कई नस्लें पाई जाती हैं, लेकिन दूध उत्पादन के मामले में कुछ ही नस्लें आगे हैं. इन्हीं में से एक है नागपुरी भैंस. यह नस्ल डेयरी किसानों के लिए इसलिए फायदेमंद मानी जाती है, क्योंकि यह अच्छी देखभाल में लंबी अवधि तक लगातार दूध देती है. गांव से लेकर शहर तक डेयरी कारोबार बढ़ने के साथ अब किसान ऐसी नस्ल चाहते हैं, जिससे कम पशुओं में ज्यादा कमाई हो सके.
नागपुरी भैंस की पहचान और खासियत
नागपुरी भैंस को इलिचपुरी या बरारी नाम से भी जाना जाता है. यह नस्ल मुख्य रूप से महाराष्ट्र के नागपुर, अकोला और अमरावती क्षेत्रों में पाई जाती है, लेकिन अब उत्तर भारत के कई इलाकों में भी इसका पालन किया जा रहा है. इस भैंस की पहचान इसके लंबे, तलवार जैसे मुड़े हुए सींगों से आसानी से हो जाती है. इसका शरीर मजबूत, गर्दन लंबी और रंग आमतौर पर काला होता है. देखने में यह भैंस बाकी नस्लों से अलग और काफी आकर्षक लगती है.
दूध उत्पादन और फैट की ताकत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नागपुरी भैंस एक ब्यांत में करीब 1200 लीटर तक दूध दे सकती है. सबसे खास बात यह है कि इसके दूध में करीब 7.7 प्रतिशत तक फैट पाया जाता है. यही वजह है कि इस दूध से घी, मक्खन और पनीर बनाने पर किसानों को ज्यादा फायदा मिलता है. जहां गाय के दूध में औसतन 3 से 4 प्रतिशत फैट होता है, वहीं नागपुरी भैंस का दूध डेयरी कारोबार के लिए ज्यादा मुनाफे वाला माना जाता है.
सही आहार से बढ़ेगी कमाई
नागपुरी भैंस से बेहतर दूध उत्पादन लेने के लिए संतुलित आहार बेहद जरूरी है. घास और भूसी के साथ मक्का, सोयाबीन, मूंगफली खली, गन्ने की खोई, जई और हरी सब्जियों का चारा देने से दूध उत्पादन में सुधार होता है. कुल मिलाकर, सही देखभाल, अच्छा चारा और नियमित स्वास्थ्य जांच के साथ नागपुरी भैंस डेयरी किसानों के लिए बंपर कमाई का जरिया बन सकती है. यही कारण है कि यह नस्ल तेजी से लोकप्रिय हो रही है.