Murrah Buffalo: अगर आप किसान हैं या डेयरी का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं और एक अच्छी दूध देने वाली भैंस खरीदना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी है. आजकल बाजार में नकली या मिलीजुली नस्ल की भैंस भी मिल जाती है, जिससे लाखों का नुकसान हो सकता है. इसलिए असली मुर्रा भैंस की पहचान करना बहुत जरूरी है. भारत में मुर्रा भैंस सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली नस्ल है, क्योंकि यह एक बार में 12 से 15 लीटर दूध देती है. आइए जानते हैं, मुर्रा भैंस की खास पहचान और उसकी नस्ल की खूबियां.
मुर्रा नस्ल क्यों है खास?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुर्रा भैंस भारत की सबसे प्रसिद्ध दूध देने वाली नस्लों में से एक है. यह खासकर हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पाई जाती है. मुर्रा भैंस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह औसतन रोजाना 12 से 15 लीटर दूध देती है और कुछ भैंसें 20 से 25 लीटर तक दूध देती हैं. दूध की गुणवत्ता भी अच्छी होती है, इसलिए ये भैंस डेयरी कारोबारियों और किसानों की पहली पसंद होती है. मुर्रा नस्ल की भैंस महंगी होती है, लेकिन दूध उत्पादन ज्यादा होने की वजह से यह निवेश लाभदायक साबित होती है.
मुर्रा भैंस के शारीरिक गुण
असली मुर्रा भैंस की पहचान उसके शरीर के खास गुणों से होती है. सबसे पहले, मुर्रा भैंस का रंग एकदम गहरा काला होता है. इसके सिंग छोटे, चपटे और पीछे की तरफ मुड़े हुए होते हैं. भैंस का शरीर भारी और मजबूत होता है, जो पच्चर (छत्तीसगढ़ी में ताकतवर) जैसा लगता है. इसकी गर्दन पतली और लंबी होती है. कान छोटे और पतले होते हैं, जो हमेशा अलर्ट रहते हैं. मुर्रा भैंस की लंबाई लगभग 148 सेमी और ऊंचाई 133 सेमी होती है. इसके अलावा पूंछ लगभग 6 इंच लंबी होती है, जो इसकी नस्ल की खास पहचान होती है.
दूध उत्पादन की क्षमता
मुर्रा भैंस की सबसे बड़ी खूबियों में से एक इसकी दूध देने की क्षमता है. यह भैंस एक दिन में 20 से 25 लीटर दूध दे सकती है, जो अन्य नस्लों की तुलना में काफी अधिक है. अधिक दूध उत्पादन की वजह से मुर्रा भैंस पालने वाले किसानों को अच्छी आमदनी होती है. यही कारण है कि अधिकतर किसान और डेयरी व्यवसायी मुर्रा नस्ल को प्राथमिकता देते हैं. अच्छी दूध उत्पादन क्षमता के साथ-साथ इसका दूध उच्च वसा (fat) वाले दूध के रूप में भी जाना जाता है.
असली मुर्रा भैंस की पहचान के आसान तरीके
अगर आप मुर्रा भैंस खरीदने जा रहे हैं, तो नीचे दिए गए कुछ आसान तरीकों से असली मुर्रा भैंस को पहचान सकते हैं:-
- सिंग (Horn):- मुर्रा भैंस के सिंग छोटे, चपटे और पीछे की ओर मुड़े हुए होते हैं.
- रंग (Color):- पूरी तरह काले रंग की होती है, कभी-कभी हल्के सफेद निशान हो सकते हैं.
- पूंछ (Tail):- मुर्रा की पूंछ लगभग 6 इंच लंबी होती है.
- शरीर का आकार (Body size):- शरीर भारी, मजबूत और पच्चर जैसा होता है. गर्दन लंबी और पतली होती है.
- कान (Ears):- कान छोटे और पतले होते हैं, जो हमेशा अलर्ट रहते हैं.
इन पांच बातों को ध्यान में रखकर आप आसानी से असली मुर्रा भैंस की पहचान कर सकते हैं.
मुर्रा नस्ल के फायदे
मुर्रा भैंस पालने के कई फायदे हैं. सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह भैंस अच्छी मात्रा में दूध देती है, जिससे किसान की आय में वृद्धि होती है. दूध का वसा स्तर भी अधिक होने की वजह से दूध का बाजार मूल्य अच्छा मिलता है. इसके अलावा, मुर्रा भैंस की देखभाल भी अपेक्षाकृत आसान होती है, और यह अच्छी प्रतिरोधक क्षमता रखती है, जिससे बीमारियों से लड़ने में सक्षम होती है. इसके कारण मुर्रा भैंस डेयरी व्यवसाय के लिए एक सुरक्षित और लाभदायक विकल्प मानी जाती है.
नकली मुर्रा भैंस से बचाव के उपाय
आजकल नकली मुर्रा भैंस भी बाजार में आसानी से मिल जाती है, जो देखने में असली जैसी लगती है लेकिन दूध उत्पादन कम करती है. नकली भैंस खरीदने से न केवल आपका पैसा बर्बाद होता है, बल्कि आपकी मेहनत भी बेकार चली जाती है. नकली भैंस से बचने के लिए ध्यान दें:
- भैंस के सिंग, पूंछ और कान की खासियतों को ध्यान से देखें.
- दूध उत्पादन के पुराने रिकॉर्ड जरूर देखें.
- भरोसेमंद और प्रमाणित विक्रेता से ही खरीदारी करें.
- पशु चिकित्सक या विशेषज्ञ से जांच करवाकर ही खरीदारी करें.
- इन सावधानियों से आप नकली भैंस से बच सकते हैं और सही नस्ल की भैंस लेकर अच्छी कमाई कर सकते हैं.