मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना: मुर्रा भैंस अब आधे दाम में पाएं, बढ़ाएं दूध उत्पादन और आमदनी

मध्यप्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना के तहत मुर्रा नस्ल की भैंसें सब्सिडी पर उपलब्ध हैं. यह योजना दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और स्व-रोजगार के लिए बढ़िया मौका है. सामान्य और अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए अलग-अलग सब्सिडी दरें हैं.

Kisan India
नोएडा | Published: 15 Sep, 2025 | 01:03 PM

Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों और आम नागरिकों के लिए एक बड़ा अवसर दिया है. मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना (Chief Minister Dairy Plus Scheme) के तहत अब मुर्रा नस्ल की भैंसें सब्सिडी पर उपलब्ध होंगी. मुर्रा भैंस दूध उत्पादन में सबसे बेहतर मानी जाती है. सरकार इस योजना से न केवल दुग्ध उत्पादन बढ़ाना चाहती है बल्कि पशुपालकों को स्व-रोजगार का मौका भी देना चाहती है. इस योजना में भैंसें आधे दाम या उससे भी कम कीमत पर मिल रही हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकें.

मुर्रा नस्ल की भैंसें, दूध उत्पादन में नंबर वन

मुर्रा नस्ल (Murrah Buffalo) की भैंसें भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंसों में शामिल हैं. यह नस्ल अपने दूध उत्पादन के लिए किसान और पशुपालकों में बहुत लोकप्रिय है. मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना के तहत दो मुर्रा भैंसें हर लाभार्थी को दी जाएंगी. यह भैंसें लंबे समय तक स्वस्थ रहती हैं और अधिक दूध देती हैं, जिससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होती है.

सरकार दे रही है भारी सब्सिडी, आधी कीमत में भैंसें

इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि सरकार भैंसों की कुल कीमत का एक बड़ा हिस्सा सब्सिडी के रूप में दे रही है. सामान्य वर्ग के किसानों को भैंसों की कीमत का 50 प्रतिशत सरकार दे रही है, जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए यह छूट 75 प्रतिशत है. इसका मतलब यह हुआ कि सामान्य वर्ग के किसान को भैंस खरीदने के लिए करीब 1 लाख 47 हजार रुपए और अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को केवल 73 हजार 700 रुपए जमा करने होंगे. बाकी की राशि सरकार वहन करेगी.

कैसे करें आवेदन और भैंस खरीदें?

मध्यप्रदेश पशुपालन विभाग के अनुसार,  आवेदन प्रक्रिया बहुत सरल है. इच्छुक किसान या नागरिक भरे हुए आवेदन के साथ निर्धारित राशि बैंक ड्राफ्ट के रूप में जमा कर सकते हैं. आवेदन स्वीकृत होने के बाद विभाग का प्रतिनिधि लाभार्थी के साथ हरियाणा, पंजाब या उत्तर प्रदेश जाकर अपनी पसंद की भैंस चुनने का मौका देगा. इस प्रक्रिया से भैंसों की गुणवत्ता सुनिश्चित होती है और किसान को अच्छी नस्ल मिलती है.

कौन ले सकता है योजना का लाभ?

यह योजना सिर्फ किसानों तक सीमित नहीं है. मध्यप्रदेश का कोई भी नागरिक जो 21 वर्ष या उससे अधिक उम्र का है, इस योजना का लाभ उठा सकता है. इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को पशुपालन के जरिए आत्मनिर्भर बनाना है. योजना की जानकारी और आवेदन प्रक्रिया के लिए लोग अपने नजदीकी पशुपालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं. सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना से जुड़ें और प्रदेश का दुग्ध उत्पादन बढ़े.

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