कपास और रेशम उत्पादन बढ़ाएगा मध्य प्रदेश, कृषि-पशुपालन विभाग राज्यभर में लगाएंगे किसान मेला

मध्य प्रदेश सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्यभर में कृषि मेले आयोजित कर रही है. साथ ही धार में बन रहा पीएम मित्रा पार्क कपास और रेशम उत्पादकों के लिए रोजगार, निवेश और उत्पादन के नए अवसर लेकर आएगा.

Kisan India
नोएडा | Published: 14 Sep, 2025 | 07:17 PM

मध्य प्रदेश सरकार अब किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए नई पहल करने जा रही है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन और मत्स्य पालन विभाग आपसी तालमेल से बहुउद्देशीय कृषि मेले आयोजित करेंगे. इन मेलों में किसानों को सिर्फ खेती नहीं, बल्कि उससे जुड़े उद्योगों जैसे रेशम और कपास के उत्पादों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी, जिससे उनकी कमाई के नए रास्ते खुलेंगे. साथ ही धार जिले में बन रहे पीएम मित्रा पार्क से लाखों किसानों को रोजगार और व्यापार का नया मौका मिलेगा.

कृषि मेलों से मिलेगा किसानों को नया मंच

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि राज्यभर में कृषि मेलों का आयोजन किया जाए, जिसमें सिर्फ खेती की तकनीक ही नहीं, बल्कि कृषि से जुड़े उद्योगों, जैसे रेशम और कपास उत्पादन पर भी फोकस किया जाए. इन मेलों का मकसद किसानों को उनकी उपज से जुड़े बाजार, मार्केटिंग और बेहतर मुनाफे के तरीके बताना है. किसान मेलों में पशुपालन, मत्स्य पालन, बागवानी और रेशम उत्पादन जैसे विषयों पर भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी, ताकि किसान केवल पारंपरिक खेती पर निर्भर न रहें, बल्कि मल्टी-सोर्स इनकम की ओर बढ़ें.

कपास और रेशम किसानों के लिए वरदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि धार जिले के भैंसोला गांव में बन रहा पीएम मित्रा पार्क राज्य के 6 लाख से अधिक कपास उत्पादक किसानों की जीवन रेखा बन जाएगा. इस पार्क के जरिए एक बड़ी टेक्सटाइल इंडस्ट्री तैयार होगी, जो किसानों से सीधे कच्चा माल खरीदेगी. इससे किसानों को बाजार की चिंता नहीं रहेगी और उन्हें अच्छी कीमत भी मिलेगी. पार्क बनने से एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष और दो लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ एक इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट नहीं बल्कि मध्य प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए क्रांतिकारी कदम है.

मालवा के किसानों को मिलेगा सीधा फायदा

मुख्यमंत्री ने बताया कि पीएम मित्रा पार्क से खासकर मालवा क्षेत्र के कपास उत्पादक किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा. अब कपास की खपत और प्रोसेसिंग राज्य में ही होगी. इससे किसान न केवल अच्छी कीमत पाएंगे बल्कि खपत की पूरी सप्लाई चैन लोकल स्तर पर तैयार हो जाएगी. धागा, कपड़ा, रेडीमेड गारमेंट्स, होजियरी और ऑल वेदर वियरिंग्स का उत्पादन भी अब प्रदेश में ही किया जाएगा, जिससे न सिर्फ किसानों बल्कि युवाओं को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे.

निवेश को लेकर कंपनियों में जबरदस्त उत्साह

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि पीएम मित्रा पार्क में निवेश को लेकर कंपनियों में काफी रुचि और उत्साह है. अब तक 114 कंपनियों ने निवेश के लिए आवेदन किया, जिनमें से 91 कंपनियों को भूमि भी आवंटित कर दी गई है. कुल 1294.19 एकड़ भूमि इन कंपनियों को दी गई है और निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है. एक से डेढ़ साल में उत्पादन शुरू होने की संभावना है, जिससे प्रदेश में रोजगार और व्यापार दोनों को नई उड़ान मिलेगी.

निजी भागीदारी से होगा विकास संभव

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी और निजी क्षेत्र की साझेदारी (Public-Private Partnership) से ही देश का तेज़ विकास संभव है. पीएम मित्रा पार्क इसी सोच का नतीजा है. इसमें निजी निवेश से उच्च गुणवत्ता के उत्पाद तैयार होंगे और किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ा जा सकेगा. प्रदेश सरकार निवेशकों को हर संभव सहयोग देगी, ताकि वे जल्दी से जल्दी अपनी इकाइयां शुरू करें और उत्पादन प्रारंभ हो सके. इससे किसानों और आम लोगों को सीधे लाभ मिलेगा.

देश का पहला और सबसे बड़ा पीएम मित्रा पार्क

मुख्यमंत्री ने बताया कि देश में सात पीएम मित्रा पार्क की मंजूरी दी गई है, लेकिन मध्य प्रदेश इसमें सबसे आगे है. 17 सितंबर को धार जिले के भैंसोला गांव में देश का पहला और सबसे बड़ा पीएम मित्रा पार्क का भूमिपूजन किया जाएगा. यह पार्क न केवल राज्य बल्कि देशभर के लिए एक मॉडल प्रोजेक्ट होगा, जिसे अन्य राज्य भी अपनाना चाहेंगे. पीएम मोदी के मार्गदर्शन में यह प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ रहा है.

आने वाला समय किसानों के लिए सुनहरा होगा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित में लगातार काम कर रही है. पीएम मित्रा पार्क के साथ-साथ जो कृषि मेले लगाए जाएंगे, उनसे किसानों की जानकारी बढ़ेगी और वे नए तरीके से खेती और संबंधित उद्योगों से जुड़ सकेंगे. कपास और रेशम उत्पादन को बढ़ावा देकर न केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी. आने वाला समय किसानों के लिए नई संभावनाओं और अवसरों से भरा होगा.

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