केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और कोई समझौता नहीं करेगी. उन्होंने बताया कि अमेरिका ने पिछले महीने भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, जिसे बाद में 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया, खासकर रूस से आयातित तेल पर. इसके बावजूद भारत अपने किसानों के हितों से पीछे नहीं हटेगा और नए बाजार खोजने में भी लगेगा.
अमेरिका का टैरिफ और भारत की प्रतिक्रिया
बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के अनुसार, अमेरिका ने पिछले महीने भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया था, जिसे बाद में 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया. यह कदम खासतौर पर रूस से आयातित तेल पर भारत के व्यापार को लक्षित करता है. शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि अमेरिका के कृषि और डेयरी सेक्टर में अधिक पहुंच की मांग के साथ यह टैरिफ लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के किसानों के बीच जमीन के आकार, कृषि पद्धतियों और उत्पादन लागत में भारी अंतर है.
“अमेरिका के बड़े किसान हजारों हेक्टेयर जमीन पर खेती करते हैं, जबकि हमारे किसान ज्यादातर एक से तीन एकड़ या उससे भी कम जमीन पर निर्भर हैं. क्या यह मुकाबला सही है?” उन्होंने सवाल उठाया. साथ ही उन्होंने जीएम बीजों के उपयोग की भी बात की जो अमेरिका में आम है लेकिन भारत में विवादित है.
किसानों के हितों की रक्षा सर्वोपरि
शिवराज चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी के उन शब्दों को दोहराया जिनमें उन्होंने कहा था कि चाहे मुझे कितना भी नुकसान हो, किसानों के हितों पर कोई समझौता नहीं होगा. उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि अगर कहीं दिक्कत आई तो सरकार नए रास्ते और बाजार ढूंढेगी.
उन्होंने कहा, “पूरे यूरोप की जनसंख्या 50 करोड़ है, अमेरिका की 30 करोड़, जबकि भारत की 144 करोड़. यह कमजोरी नहीं बल्कि ताकत है. हमारे पास बड़ा घरेलू बाजार है, जिससे किसानों की उपज को आसानी से खपत मिल सकती है.”
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
- सरकार जल्द नकली उर्वरकों और रसायनों के खिलाफ सख्त कानून लाएगी.
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को डिजिटल भुगतान के माध्यम से बीमा राशि दी जा रही है.
- भारत ने हाल ही में सिंधु जल संधि (इंडस वाटर ट्रीटी) को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है, ताकि किसानों के पानी का बेहतर उपयोग किया जा सके.
- पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करने पर प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया है कि “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते”.
- कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की भलाई के लिए लगातार नई योजनाओं को प्राथमिकता से आगे बढ़ा रही है.