Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का खास मुहूर्त, रंग और भोग से बढ़ाएं सुख-समृद्धि!

Shardiya Navratri Kalash Sthapana: शारदीय नवरात्रि 2025 का पहला दिन 22 सितंबर को है, जब घर-घर में मां शैलपुत्री की पूजा का पावन माहौल होता है. जानिए इस दिन के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, प्रिय फूल और भोग, जिससे आपके घर में खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी. यह पहला दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों के लिए विशेष महत्व रखता है और व्रत के माध्यम से आपकी आत्मा और परिवार दोनों का कल्याण होता है.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 21 Sep, 2025 | 02:30 PM
1 / 6Navratri 2025: नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर को घटस्थापना से होती है. पहले कलश की स्थापना की जाती है, फिर मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित कर उनका आह्वान किया जाता है, ताकि नवचैत्रीय व्रत सफल रहे.

Navratri 2025: नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर को घटस्थापना से होती है. पहले कलश की स्थापना की जाती है, फिर मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित कर उनका आह्वान किया जाता है, ताकि नवचैत्रीय व्रत सफल रहे.

2 / 6Maa Shailputri: पहले दिन पूजा करने के लिए सुबह 06:28 से 08:20 तक का पहला शुभ मुहूर्त और ब्रह्म मुहूर्त 04:53 से 05:41 तक है. दोपहर 12:08 से 12:56 तक का अभिजित मुहूर्त भी बहुत शुभ माना जाता है.

Maa Shailputri: पहले दिन पूजा करने के लिए सुबह 06:28 से 08:20 तक का पहला शुभ मुहूर्त और ब्रह्म मुहूर्त 04:53 से 05:41 तक है. दोपहर 12:08 से 12:56 तक का अभिजित मुहूर्त भी बहुत शुभ माना जाता है.

3 / 6Maa Shailputri Puja Vidhi: माता शैलपुत्री का वाहन बैल है. उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल है. ये दोनों प्रतीक शक्ति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का संदेश देते हैं.

Maa Shailputri Puja Vidhi: माता शैलपुत्री का वाहन बैल है. उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल है. ये दोनों प्रतीक शक्ति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का संदेश देते हैं.

4 / 6Kalash Sthapana: घर में गंगाजल का छिड़काव करें, व्रत का संकल्प लें, सूर्य देव को जल अर्पित करें. कलश स्थापित करें और मां के नौ रूपों की मूर्ति रखें. मंत्रों का जाप और अर्पण के बाद दीपक जलाकर आरती करें.

Kalash Sthapana: घर में गंगाजल का छिड़काव करें, व्रत का संकल्प लें, सूर्य देव को जल अर्पित करें. कलश स्थापित करें और मां के नौ रूपों की मूर्ति रखें. मंत्रों का जाप और अर्पण के बाद दीपक जलाकर आरती करें.

5 / 6Durga Puja 2025: माता शैलपुत्री को चमेली का फूल और सफेद रंग अत्यंत प्रिय है. पूजा में इन्हें शामिल करने से घर में सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.

Durga Puja 2025: माता शैलपुत्री को चमेली का फूल और सफेद रंग अत्यंत प्रिय है. पूजा में इन्हें शामिल करने से घर में सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.

6 / 6Navratro Bhog: माता को खीर, रबड़ी, दूध की बर्फी और घी अर्पित करें. पूजा समाप्ति के बाद फलाहार करना शुभ माना जाता है. इससे व्रतकर्ता का मन प्रसन्न और ऊर्जा से भरपूर रहता है.

Navratro Bhog: माता को खीर, रबड़ी, दूध की बर्फी और घी अर्पित करें. पूजा समाप्ति के बाद फलाहार करना शुभ माना जाता है. इससे व्रतकर्ता का मन प्रसन्न और ऊर्जा से भरपूर रहता है.

Published: 21 Sep, 2025 | 02:30 PM

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