Navratri 2025: नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर को घटस्थापना से होती है. पहले कलश की स्थापना की जाती है, फिर मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित कर उनका आह्वान किया जाता है, ताकि नवचैत्रीय व्रत सफल रहे.
Maa Shailputri: पहले दिन पूजा करने के लिए सुबह 06:28 से 08:20 तक का पहला शुभ मुहूर्त और ब्रह्म मुहूर्त 04:53 से 05:41 तक है. दोपहर 12:08 से 12:56 तक का अभिजित मुहूर्त भी बहुत शुभ माना जाता है.
Maa Shailputri Puja Vidhi: माता शैलपुत्री का वाहन बैल है. उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल है. ये दोनों प्रतीक शक्ति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का संदेश देते हैं.
Kalash Sthapana: घर में गंगाजल का छिड़काव करें, व्रत का संकल्प लें, सूर्य देव को जल अर्पित करें. कलश स्थापित करें और मां के नौ रूपों की मूर्ति रखें. मंत्रों का जाप और अर्पण के बाद दीपक जलाकर आरती करें.
Durga Puja 2025: माता शैलपुत्री को चमेली का फूल और सफेद रंग अत्यंत प्रिय है. पूजा में इन्हें शामिल करने से घर में सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.
Navratro Bhog: माता को खीर, रबड़ी, दूध की बर्फी और घी अर्पित करें. पूजा समाप्ति के बाद फलाहार करना शुभ माना जाता है. इससे व्रतकर्ता का मन प्रसन्न और ऊर्जा से भरपूर रहता है.