कम लागत में कमाएं लाखों, किसान ऐसे करें तरबूज की खेती

भारत दुनिया में तरबूज का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. इसकी खेती विशेष रूप से कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा में सबसे अधिक होती है.

Kisan India
Noida | Published: 13 Mar, 2025 | 03:00 AM

तरबूज एक ज़ैद फसल है जिसे सिंचित भूमि में आसानी से उगाया जा सकता है. इसकी सबसे खास बात यह है कि तरबूज की खेती के लिए किसानों को मानसून का इंतजार नहीं करना पड़ता, क्योंकि यह कम पानी और खाद में भी न्यूनतम लागत पर उगाया जा सकता है.
तरबूज कुकुर्बिटेसी (Cucurbitaceae) परिवार का हिस्सा है और यह अफ्रीका से आया है.

गर्मियों के इस फल में कैलोरी कम होने के साथ ही 93% पानी होता है, इसलिए यह गर्मियों में खूब खाया जाता है. अगर आप भी तरबूज की खेती करने का मन बना रहे हैं, तो जानिए कैसे आप तरबूज की खेती से लाखों कमा सकते हैं.

भारत में तरबूज उत्पादन

भारत दुनिया में तरबूज का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. इसकी खेती विशेष रूप से कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा में सबसे अधिक होती है. उत्तर प्रदेश में 706.65 टन, आंध्र प्रदेश में 628.57 टन, तमिलनाडु में 315.19 टन, कर्नाटक में 260.90 टन और ओडिशा में 253.54 टन तरबूज का उत्पादन होता है.

तरबूज की खेती के तरीके:

 

तापमान और मिट्टी

तरबूज की खेती के लिए अच्छी धूप जरूरी होती है, क्योंकि यह फलों में मिठास बढ़ाने में मदद करती है. इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, और मिट्टी का pH स्तर 5.5 – 7.0 के बीच होना चाहिए.

तरबूज के पौधों के बीच दूरी

खेत में पंक्तियों के बीच 4-5 फीट और पौधों के बीच 2-2.5 फीट की दूरी रखनी चाहिए. प्रति एकड़ 3,400 से 4,500 पौधे लगाए जा सकते हैं.

सिंचाई

शुरुआती समय में पौधों में नियमित रूप से पानी देना जरूरी है. फल सेट होने के बाद अधिक पानी देने से फलों की मिठास कम हो सकती है, इसलिए पानी की मात्रा नियंत्रित रखें. तरबूज की खेती के लिए गर्म मौसम और मिट्टी में पर्याप्त नमी जरूरी होती है.

खाद और उर्वरक

बुवाई से पहले जैविक खाद डालना जरूरी है ताकि पौधों का विकास बेहतर हो. मध्य सीजन में भी एक बार खाद डालनी चाहिए ताकि तरबूज की वृद्धि बनी रहे. यदि रासायनिक खाद का उपयोग कर रहे हैं:

खाद दें

फूल आने के बाद कम नाइट्रोजन वाली खाद का इस्तेमाल करें, ताकि फलों की गुणवत्ता बनी रहे.

कटाई का सही समय

जब तरबूज के पास की बेल सूखने लगे और फल पर पीला रंग दिखने लगे, तो यह कटाई का सही समय होता है. अधपके फलों की कटाई न करें, क्योंकि उनमें मिठास कम होती है. साथ ही बिना कटे तरबूज को 2 सप्ताह तक सुरक्षित रखा जा सकता है.

कम लागत में अधिक मुनाफा

तरबूज की खेती अत्यधिक लाभदायक है क्योंकि इसकी मांग ज्यादा और उत्पादन लागत कम है. किसान 3 महीने में 2 से 3 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं. व्यावसायिक रूप से इसे अन्य राज्यों और देशों में निर्यात करके भी अच्छा लाभ कमाया जा सकता है.

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Published: 13 Mar, 2025 | 03:00 AM

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