संतुलित आहार..साफ-सफाई और समय पर टीकाकरण, अक्टूबर महीने में पशुओं का रखें खास खयाल

अक्टूबर महीने की शुरुआत होने के साथ ही हवा में ठंड का अहसास होने लगता है. इन दिनों पशुओं की देखभाल करना बहुत जरूरी है. तापमान गिरने के कारण ठंड बढ़ती है और पशुओं को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है जिसका सीधा असर दूध उत्पादन पर होता है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 9 Oct, 2025 | 09:24 PM

Animal Care in October: अक्टूबर का महीने अपने साथ मौसम में भी कई तरह के बदलाव लेकर आता है. इस महीने में दिन गर्म और रातें ठंडी होने लगती हैं, जिससे उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.मौसम में होने वाला बदलाव सीधे पशुओं के दूध उत्पादन पर पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि पशुपालक इन दिनों अपने पशुओं की अच्छे से देखभाल करें. पशुपालकों की सहूलियत के लिए बिहार पशु निदेशालय ने सोशल मीडिया पर कुछ जरूरी एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए पशुपालक अपने पशुओं को सुरक्षा कर सकते हैं.

पशुओं को संतुलित दें आहार

इस महीने तापमान गिरने लगता है जिसके कारण हल्की ठंड का अहसास होने लगता है. ऐसे में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए बेहद जरूरी है कि उन्हें संतुलित आहार दिया जाए. पशुपालकों को ये सलाह दी जाती है कि वे पशुओं को हर दिन 25 ग्राम से 50 ग्राम गुड़ खिलाएं. बता दें कि, इस महीने हरा चारा ज्यादा मात्रा में होती है , इसलिए पशुओं को संतुलित मात्रा में ही चारा देना चाहिए. बाकी बचे हुए हरे चारे को आगे के लिए सुरक्षित करने के लिए पुआल या साइलेज बना लें. इसके साथ ही रात के समय पशुओं को ठंडी हवा और ओस से बचाने के लिए उन्हें हल्के कपड़े या बोरियों से ढकें. ध्यान रहे कि,  नवजात बछड़ों के लिए विशेष रूप से गर्म स्थान की व्यवस्था करें.

साफ सफाई का ध्यान रखें

बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से सोशल मीडिया पर जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार, पशुपालकों को ये सलाह दी जाती है कि वे पशुओं के रहने के जगह की नियमित रूप से साफ-सफाई करें. पशुशाला को गोबर और गंदगी को समय-समय पर हटाते रहें ताकि मच्छर और मक्खियों का प्रकोप न हों. इसके साथ ही पशु निदेशालय ने ये भी सलाह दी है कि जिन पशुओं को अब तक खुरपका-मुंहपका या गलघोटू का टीका नहीं लगा है, उनका जल्द से जल्द टीकाकरण कराएं.

डॉक्टर की सलाह जरूर लें

मौसम में बदलाव के चलते अकसर पशुओं की भूख कम होने लगती है और दूध उत्पादन भी कम हो जाता है. ऐसे में अगर कोई पशु खुराक बंद कर दे, दूध देना कम कर दे, बार-बार बैठने या उठने में परेशानी दिखाए या फिर उसे सांस लेने में किसी भी तरह की समस्या दिखे तो तुरंत पशु चिकित्सक के पास ले जाकर सलाह लें ताकि पशु को कोई गंभीर समस्या न हो और रोग तेजी से फैल न सके.

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Published: 9 Oct, 2025 | 09:24 PM

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