गर्मियों में फसलों को आग से कैसे बचाएं? अपनाएं ये जरूरी टिप्स

फसल में आग फैलने से रोकने के लिए खेतों के चारों ओर फायरब्रेक (एक खाली पट्टी) बनाना जरूरी है. खेतों, सड़कों, जंगलों या अन्य खेतों के बीच कम से कम 5-10 मीटर चौड़ी बंजर भूमि छोड़ दें.

Kisan India
Noida | Published: 17 Mar, 2025 | 04:00 PM

भारत में गर्मी के मौसम में फसल में आग लगने की घटनाएं आम हो जाती हैं. तेज गर्मी, शुष्क वातावरण और थोड़ी-सी लापरवाही फसलों को भारी नुकसान पहुंचा सकती है. इसलिए किसानों के लिए यह जरूरी है कि वे कुछ जरूरी सावधानियां बरतें ताकि उनकी मेहनत से उगाई गई फसल सुरक्षित रह सके. आइए जानते हैं कि गर्मी के मौसम में फसलों को आग से बचाने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है.

फायरब्रेक बनाएं

फसल में आग फैलने से रोकने के लिए खेतों के चारों ओर फायरब्रेक (एक खाली पट्टी) बनाना जरूरी है. खेतों, सड़कों, जंगलों या अन्य खेतों के बीच कम से कम 5-10 मीटर चौड़ी बंजर भूमि छोड़ दें, जिससे आग फैलने का खतरा कम हो जाएगा. ऐसा करने से आग एक खेत से दूसरे खेत में जाने से रोकी जा सकती है.

कृषि यंत्रों का नियमित रखरखाव

ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और अन्य मशीनों के इंजन और एग्जॉस्ट सिस्टम अत्यधिक गर्म हो सकते हैं. अगर ये सूखी घास या भूसे के संपर्क में आते हैं, तो आग लग सकती है. किसानों को चाहिए कि वे अपने कृषि उपकरणों के एग्जॉस्ट पाइप साफ रखें और तेल रिसाव को रोकें. साथ ही, मशीनों के एयर फिल्टर और स्पार्क अरेस्टर की नियमित जांच और सफाई करते रहें.

सुरक्षित भंडारण व्यवस्था करें

कटाई के बाद फसलों को सुरक्षित स्थान पर रखना भी आग से बचाव का एक बड़ा तरीका है. अनाज, भूसा और चारे को बिजली की लाइनों और अन्य ज्वलनशील पदार्थों से दूर रखें. सूखी घास और भूसे के ढेर को एक-दूसरे से कम से कम 10 मीटर की दूरी पर रखें, ताकि आग फैलने की संभावना कम हो.

बिजली की तारों से उठी चिंगारी

खेतों के ऊपर से गुजरने वाली हाई-वोल्टेज पावर लाइनों में कभी-कभी शॉर्ट सर्किट या टूट-फूट के कारण चिंगारी निकल सकती है, जिससे खेत में आग लग सकती है. ऐसे में किसानों को समय-समय पर अपने खेतों के पास लगे बिजली के खंभों, ट्रांसफार्मरों और तारों की जांच करें और किसी भी गड़बड़ी की सूचना तुरंत बिजली विभाग को दें.

पराली जलाने में सावधानी बरतें

सरकार द्वारा पराली जलाने को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. पराली जलाते समय किसानों को चाहिए कि वे बहुत सूखे और तेज हवा वाले दिनों में ऐसा न करें. अगर जलाना जरूरी हो, तो नियंत्रित तरीके से जलाएं और आसपास फायरब्रेक बनाकर रखें. आग पर नजर रखने के लिए एक व्यक्ति को तैनात करें.

पानी और अग्निशामक यंत्र रखें

गर्मियों में जब धूप तेज होती है, तो खेतों में पड़े कांच के टुकड़े या धातु की चीजें लेंस की तरह काम कर सकती हैं और सूखी घास या पत्तों को जला सकती हैं, जिससे आग लगने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में खेत के आस-पास पानी की टंकी, बाल्टी और रेत की बोरियां रखना आवश्यक है, ताकि आग लगने की स्थिति में तुरंत काबू पाया जा सके. इसके अलावा, कृषि उपकरणों और भंडारण क्षेत्रों में अग्निशामक यंत्र भी रखें.

धूम्रपान और खुली आग से बचाव

किसान इस बात का विशेष रूप से ध्यान दें कि खेत में काम करने वाले मजदूरों धूम्रपान, अलाव जलाने या खाना पकाने जैसी गतिविधियां न करें. कई बार लापरवाही से फेंकी गई जलती हुई बीड़ी या सिगरेट फसलों में आग लगा सकती है.

आपातकालीन नंबर और सुरक्षा योजना तैयार रखें

अगर खेतों में आग लग जाए, तो तुरंत सही कदम उठाने के लिए आपातकालीन नंबरों की जानकारी होनी चाहिए. किसानों को फायर ब्रिगेड और स्थानीय प्रशासन के नंबर अपने पास रखने चाहिए. साथ ही, खेत में काम करने वाले लोगों को आग लगने की स्थिति में क्या करना है, इसकी जानकारी होनी चाहिए.

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