Animal Health : गांवों में पशुपालन हर परिवार की कमाई का बड़ा सहारा है. लेकिन अक्सर गाय-भैंस के कमजोर होने से दूध कम हो जाता है, शरीर ढीला पड़ जाता है और बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है. कई बार महंगे सप्लीमेंट्स और दवाइयों के बाद भी ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. लेकिन अच्छी बात यह है कि गांव में ही मिलने वाले कुछ साधारण देसी आहार आपकी गाय-भैंस को कुछ ही दिनों में तगड़ा, मजबूत और फिट बना सकते हैं. ये नुस्खे न तो महंगे हैं और न ही मुश्किल. बस सही तरीके से खिलाएं, और खुद बदलाव देखें.
बाई फैट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गाय-भैंस को मोटा और तगड़ा बनाने में बाई फैट बेहद असरदार है. यह एक पोषक सप्लीमेंट होता जो पशु के शरीर में गर्मी, ताकत और ऊर्जा तीनों बढ़ाता है. इसे हमेशा अच्छी तरह रोस्ट करके देना चाहिए. शुरुआत में रोज सिर्फ 100 ग्राम देना जरूरी है, ताकि पेट पर दबाव न पड़े. कुछ दिनों बाद इसकी मात्रा 600 ग्राम तक बढ़ाई जा सकती है. बाई फैट देने से पशुओं की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और उनके शरीर में तेजी से भराव आने लगता है. यह आहार लगातार खिलाने पर पशुओं की थकान दूर रहती है, वे ज्यादा सक्रिय दिखते हैं और दूध देने की क्षमता भी सुधरती है. कई पशुपालक बताते हैं कि इससे पशुओं की रोग -प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है, जिससे वे मौसम बदलने पर बीमार नहीं पड़ते.
बिनौला
गाय-भैंस को मोटा करने में बिनौला भी बहुत कारगर है. खासकर हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी यूपी में इसे बड़े पैमाने पर खिलाया जाता है. सबसे महत्वपूर्ण बात- बिनौला हमेशा रोस्ट करके ही खिलाएं. कच्चा बिनौला पशु के पेट में समस्या पैदा कर सकता है. रोस्ट किया हुआ बिनौला शरीर में प्राकृतिक चर्बी बढ़ाने में मदद करता है और कमजोर पशुओं को तेजी से मजबूत बनाता है. कुछ पशुपालक बताते हैं कि इस आहार से गाय-भैंस की त्वचा चमकदार होती है, बाल मुलायम होते हैं और शरीर का स्टैमिना भी बढ़ता है. जो पशु लंबे समय से दुबले-पतले हों, उनके लिए बिनौला सबसे बेहतर और सस्ता विकल्प माना जाता है. बता दें कि बिनौला कपास के पौधे का बीज होता है. कपास के रेशे (फाइबर) को हटाने के बाद बचे हुए बीज को बिनौला कहते हैं.
सोयाबीन
अगर आप चाहते हैं कि पशु जल्दी से तंदरुस्त हो जाए, तो सोयाबीन बेहतरीन विकल्प है. सोयाबीन में प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो शरीर को भराव देने के साथ मांसपेशियों को मजबूत बनाती है. इसे भी हमेशा रोस्ट करके ही देना चाहिए. शुरुआत में रोज 100 ग्राम देना सही है, फिर धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाई जा सकती है. सोयाबीन खिलाने से पशु का शरीर ढीला नहीं रहता और कुछ ही दिनों में उनका वजन बढ़ना शुरू हो जाता है. कई पशुपालक इसे भैंसों के लिए सबसे असरदार मानते हैं, क्योंकि भैंसें जल्दी ताकत पकड़ लेती हैं और दूध भी तेजी से बढ़ता है. सर्दियों में सोयाबीन और भी ज्यादा फायदेमंद है, क्योंकि यह शरीर में गर्मी बनाए रखता है और ठंड से होने वाली कमजोरी को दूर करता है.
सरसों का तेल और दाना
गाय-भैंस को तगड़ा करने का एक सबसे आसान और देसी तरीका है–सरसों का तेल. रोज सुबह-शाम दाने के साथ 1-2 चम्मच सरसों का तेल मिलाकर देने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है. यह पाचन सुधारता है, भूख बढ़ाता है और शरीर की कसावट भी लौटाता है. दाने के साथ सरसों का तेल और खल का मिश्रण देने से कुछ ही दिनों में पशु अधिक सक्रिय दिखने लगता है और उसकी बॉडी में चमक भी बढ़ जाती है. जो गाय-भैंस कमजोरी के कारण ढीली दिखती हों, उनके लिए यह तरीका बहुत कारगर है. इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और मांशपेशियां मजबूत होती हैं.
आहार के साथ देखभाल भी जरूरी
सिर्फ आहार देने से ही काम पूरा नहीं होता. अगर पशु का बाड़ा ठंडा, गंदा या असुरक्षित है, तो शरीर कमजोर ही रहेगा. पशुओं को हमेशा साफ-सुथरे और सूखे बाड़े में रखें. सर्दियों में बाड़ा गर्म होना चाहिए और हवा का सीधा बहाव नहीं पड़ना चाहिए. ध्यान रहे-आहार हमेशा धीरे-धीरे बढ़ाएं, अचानक ज्यादा न दें. साफ पानी हमेशा उपलब्ध हो और रोजाना थोड़ी धूप दिखाना भी जरूरी है. अगर पशु आरामदायक माहौल में रहते हैं, तो आहार का असर दुगना हो जाता है और वजन भी तेजी से बढ़ता है.