Root Rot: क्या आपके पौधों की पत्तियां अचानक पीली पड़ने लगी हैं या तने नरम होकर गलने लगे हैं? अगर हां, तो यह रूट रॉट (जड़ों का सड़ना) हो सकता है. यह एक ऐसी समस्या है जो अक्सर तब सामने आती है जब पौधे की जड़ें लंबे समय तक गीली मिट्टी में डूबी रहती हैं. अच्छी बात यह है कि थोड़ी-सी समझदारी और सही देखभाल से इसे पूरी तरह रोका जा सकता है. आइए जानते हैं कि पौधों की जड़ों को सड़ने से कैसे बचाया जाए.
रूट रॉट क्या है और यह कैसे होता है?
रूट रॉट तब होता है जब पौधों की जड़ें लगातार पानी में डूबी रहती हैं और हवा नहीं मिलने से गलने लगती हैं. सामान्य रूप से स्वस्थ जड़ें सफेद और सख्त होती हैं, लेकिन पानी की अधिकता से वे भूरे या काले रंग की हो जाती हैं और नरम पड़ जाती हैं. नतीजा, पौधा पानी और पोषक तत्व नहीं ले पाता और धीरे-धीरे सूखने लगता है.
इनडोर पौधों में रूट रॉट से बचाव के तरीके
सही गमले का चुनाव करें
गमले में नीचे की तरफ ड्रेनेज होल (छेद) जरूर होना चाहिए. अगर पानी निकलने का रास्ता नहीं होगा, तो मिट्टी में नमी बनी रहेगी और जड़ें गल सकती हैं. खूबसूरत लेकिन बिना छेद वाले गमले में सीधे पौधा लगाने से बचें.
हल्की और पानी निकालने वाली मिट्टी का उपयोग करें
मिट्टी का मिश्रण ऐसा होना चाहिए जो पानी को रोकने के बजाय निकाल दे. कोकोपीट, पर्लाइट या रेत मिलाकर मिट्टी को हल्का और हवा दार बनाया जा सकता है. यह जड़ों को सांस लेने में मदद करता है और अतिरिक्त पानी को बाहर निकलने देता है.
पानी देने से पहले मिट्टी की नमी जांचें
पौधों को टाइमटेबल बनाकर पानी देना सही नहीं है. पानी तभी दें जब मिट्टी की ऊपरी परत सूखी महसूस हो. इसके लिए अपनी उंगली एक इंच गहराई तक मिट्टी में डालकर नमी जांचें. अगर मिट्टी नम है तो कुछ दिन इंतजार करें.
पौधों को रोशनी और हवा मिलने दें
पौधों को ऐसे कोने में न रखें जहां न हवा आती हो और न धूप. अच्छी हवा और अप्रत्यक्ष धूप मिट्टी को जल्दी सूखने में मदद करती है और फंगस बनने से बचाती है.
छोटे पौधों के लिए बड़ा गमला न चुनें
अक्सर लोग सोचते हैं कि बड़ा गमला पौधे को बढ़ने के लिए ज्यादा जगह देगा, लेकिन ज्यादा मिट्टी में पानी ज्यादा समय तक रहता है, जिससे जड़ें सड़ सकती हैं. पौधे के आकार से थोड़ा ही बड़ा गमला सबसे अच्छा रहता है.
रूट रॉट के लक्षण जिन्हें पहचानना जरूरी है
पत्तियों का पीला पड़ना: पौधे को पोषण नहीं मिल रहा है.
पानी देने के बावजूद मुरझाना: मिट्टी गीली है लेकिन पौधा सूखा दिखता है.
तने का नरम होना: जड़ों तक समस्या पहुंच चुकी है.
मिट्टी से बदबू आना: मिट्टी में सड़न शुरू हो चुकी है.
जड़ों का काला या चिपचिपा होना: स्वस्थ जड़ें सफेद और सख्त होती हैं, इसलिए गहरे रंग का मतलब खतरा है.